Bihar Bridges Collapse : बिहार सरकार चाहे अपनी कितनी भी तारीफ कर ले, लेकिन मॉनसून के आते ही पुलों के ढहने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
03 July, 2024
Bihar Bridges Collapse : बिहार में एक के बाद एक पुल गिर रहे हैं. सवाल यह उठता है कि आखिर पुल हर साल थोड़ी सी बारिश में ही क्यों दम दोड़ देते हैं. क्या पुल इतने कमजोर बनाए जा रहे हैं कि मॉनसून की जरा सी ताकत नहीं झेल पा रहे हैं. ताजा मामले में बुधवार को सिवान में एक साथ दो पुल गिर गए, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. आवाजाही पूरी तरह से ठप है. लगातार गिर रहे पुलों की वजह से नीतीश सरकार भी सवालों में है.
पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार?
कुछ दिनों पहले ही किशनगंज जिले में हादुरगंज प्रखंड के बांसबाड़ी श्रवण चौक इलाके में मरिया नदी पर बना पुल धंस गया. 70 मीटर लंबे और 12 मीटर चौड़े इस पुल के बीच का एक पाया बारिश की वजह से नदी में धंस गया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुल के निर्माण के समय खूब भ्रष्टाचार हुआ. पुल बनने के 6 साल बाद 2017 से ही पुल धीरे डैमेज होना शुरू हो गया.
चालू होने से पहले ही गिर गया पुल
मोतिहारी में निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर गया. अमवा गांव को ब्लॉक के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा ये पुल करीब-करीब बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन शुरू होने से पहले ही यह गिर गया. लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के बजट वाले इस पुल का निर्माण धीरेंद्र कंट्रक्शन नाम की कंपनी कर रही थी.
सिवान में पहले भी गिर चुका है पूल
जून में ही सिवान के गंडक नहर पर बना पुल भी अचानक गिर गया. पुल जैसे ही गिरा एक तेज आवाज आई, जिसे सुनकर लोगों में हड़कंप मच गया था. यह पुल हालांकि पुराना था, लेकिन उसके साथ पिछले साल ही नहर की खुदाई सही से नहीं की गई थी. पानी के तेज बहाव में पुल के पिलर से मिट्टी का कटाव होना शुरू हो गया और पुल गिर गया.
अररिया जिले में भी गिरा पुल
अररिया जिले में भी बकरा नदी पर बना पुल गिरा,जो 12 करोड़ की लागत से बनाया गया था. इसका बस उद्घाटन होना बाकी थी, लेकिन उससे पहले ही पुल के दो से तीन पिलर नदी में धंस गए और फिर पूरा पुल गिर गया.
बिहार में क्यों गिर रहे पुल
ग्रामीणों की मानें तो उनका कहना है कि पुल बनाने के समय भ्रष्टाचार होता है. पुल तो बना दिया जाता है, लेकिन इसके बाद फिर कोई इसे देखने तक नहीं आता. ऐसे में होता यह है कि पुल की हालत जर्जर होते चली जाती है. पुलिया बनने के बाद एक बार भी इसकी मरम्मत नहीं की जाती और फिर जैसे ही बारिश का मौसम शुरू होता है. नदी में मिट्टी कटाव होने लग जाता है और फिर देखते ही देखते पुल धराशायी हो जाता है.
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