Home राजनीति Keshav Prasad Maurya के ‘2027 में 2017 दोहराएंगे’ बयान का क्या है मतलब?

Keshav Prasad Maurya के ‘2027 में 2017 दोहराएंगे’ बयान का क्या है मतलब?

by Divyansh Sharma
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Keshav Prasad Maurya के 2027 में 2017 दोहराएंगे, बयान का क्या है मतलब?

UP Politics: केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए 17 जुलाई से 8 पोस्ट किए हैं. हर पोस्ट में उन्होंने एक लाइन जरूर लिखी है.

31 July, 2024

UP Politics: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को लेकर कयासों और अटकलों का दौर जारी है. दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दोनों ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और ब्रजेश पाठक नाराज बताए जा रहे हैं. लेकिन इन सब के बीच सवाल एक ही है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मन में क्या है. एक बार संगठन को सरकार से बड़ा बताकर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले केशव प्रसाद मौर्य आखिर क्या चाहते हैं?

2017 के बाद से BJP की सीटों में आई है कमी

दरअसल, सियासी अटकलों के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने ‘X’ हैडल पर एक बात का जिक्र कर रहे हैं. 17 जुलाई से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जितने भी पलटवार किए हैं, उनमें उन्होंने एक लाइन जरूर लिखी है. उन्होंने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए 17 जुलाई से 8 पोस्ट किए. हर पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि 2027 में 2017 दोहराएंगे. गौरतलब है कि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से BJP की सीटों में लगातार कमी आई है. चाहे वह लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव. ऐसे में यह बयान महत्वपूर्ण हो जाते हैं.

2017 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे केशव प्रसाद मौर्य

बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य BJP के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. बतौर BJP प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कार्यकाल एक साल और 145 दिनों का था. वह 8 अप्रैल 2016 से लेकर 31 अगस्त 2017 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे. इस दौरान उत्तर प्रदेश में BJP ने शानदार प्रदर्शन किया. उनके नेतृत्व में BJP के नेतृत्व वाली NDA ने 403 सीटों में से 324 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की. इनमें से BJP को अकेले दम पर 311 सीटों पर जीत मिली. वहीं SP-कांग्रेस गठबंधन महज 54 सीटों पर सिमट गया. सिर्फ 19 पर BSP को जीत मिली. 6 सीटें अन्य के खाते में गई. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की और NDA के खाते में 2 सीटें थी.

2014 के मुकाबले BJP को 9 सीटों का नुकसान

2014 के चुनाव के मुकाबले 2019 में BJP को यूपी में 9 सीटों का नुकसान हुआ. वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में BJP को सिर्फ 255 सीटों पर ही जीत मिली. 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले BJP को 56 सीटों का नुकसान हुआ. वहीं सबसे हालिया झटका BJP को इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में लगा. BJP महज 33 सीटों पर ही सिमट गई. 2014 के चुनाव के मुकाबले BJP को यूपी में इस बार सीधे 29 सीटों का नुकसान हुआ. ऐसे में कहीं न कहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आलाकमान को अपनी ताकत का अहसास करा रहे हैं. इसी कारण वह कह रहे हैं कि संगठन, सरकार और पार्टी से बड़ा होता है. चुनाव संगठन लड़ता है, सरकार नहीं.

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