दिल्ली पुलिस ने बताया कि दुबई स्थित मास्टरमाइंड आमिर पाशा इस गिरोह का सरगना है. वह दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों में लक्जरी वाहनों की चोरी कर रहा था.
New Delhi: दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ कर आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह का मास्टर माइंड दुबई में रहकर पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा था. गिरोह पार्क किए गए महंगे वाहनों की चोरी कर उसे बेच देता था.दिल्ली पुलिस ने बताया कि दुबई स्थित मास्टरमाइंड आमिर पाशा इस गिरोह का सरगना है. वह दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों में लक्जरी वाहनों की चोरी कर रहा था. पुलिस ने बताया कि पाशा के खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया गया है.
ताजू केखिलाफ डकैती, वाहन चोरी सहित 70 से अधिक केस दर्ज
पुलिस उपायुक्त (अपराध) अपूर्व गुप्ता के अनुसार, जांच पिछले साल 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से ताज मोहम्मद उर्फ ताजू (40) की गिरफ्तारी के साथ शुरू हुई थी. ताजू सिंडिकेट का एक प्रमुख खिलाड़ी है और उसके खिलाफ डकैती, रात में चोरी और वाहन चोरी सहित 70 से अधिक मामले दर्ज हैं. ताजू से पूछताछ में सात अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई. मुंबई का कुणाल जायसवाल (24), जो चोरी की गाड़ियों का प्रमुख खरीददार है और अकबर (40), जो पूर्वोत्तर भारत में खरीदारों से जुड़ा एक फाइनेंसर और वितरक है.
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कई महंगे वाहन किए गए बरामद
गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में मनीष आर्य (48), मतीन खान (24), नदीम (38) और नागेंद्र सिंह (46) शामिल हैं. डीसीपी गुप्ता ने कहा, “ऑपरेशन के दौरान कुल 15 हाई-एंड वाहन बरामद किए गए ,जिनमें तीन किआ सेल्टोस, तीन हुंडई एसयूवी जिनमें अल्जाजार और क्रेटा शामिल हैं, तीन टोयोटा वाहन जिनमें एक फॉर्च्यूनर और दो इनोवा, मारुति मॉडल जैसे ब्रेज़ा, स्विफ्ट और बलेनो शामिल है. पुलिस ने उनके कब्जे से नकली पंजीकरण प्लेट, डुप्लिकेट रिमोट कुंजी और जाली पंजीकरण प्रमाण पत्र भी जब्त किए. उन्होंने कहा कि चोरी किए गए कुछ वाहन मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से बरामद किए गए. आरोपियों को इस साल फरवरी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे समेत कई जगहों पर पकड़ा गया था.
महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और नागालैंड समेत कई राज्यों में फैला था नेटवर्क
गुप्ता ने बताया कि आमिर पाशा ने एडवांस्ड व्हीकल हैकिंग टूल्स और प्रोग्रामिंग डिवाइस का इस्तेमाल करके दुबई से पूरे ऑपरेशन को रिमोटली निर्देशित करता था. गिरोह के काम करने के तरीके में की प्रोग्रामिंग किट का इस्तेमाल करना, जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) ट्रैकर्स को निष्क्रिय करना और वाहनों को देश के दूरदराज के इलाकों में ले जाना या उन्हें अलग-अलग हिस्सों में बांटना शामिल था. गिरोह का उत्तर प्रदेश, नागालैंड, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में नेटवर्क फैला था. पुलिस ने कहा कि अन्य फरार सदस्यों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं.
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