Home अपराध व्हाट्सएप, ट्रेडिंग और धोखाधड़ी; नोएडा में एक बिजनेसमैन को साइबर ठगों ने लगाया 9 करोड़ का चूना

व्हाट्सएप, ट्रेडिंग और धोखाधड़ी; नोएडा में एक बिजनेसमैन को साइबर ठगों ने लगाया 9 करोड़ का चूना

by Live Times
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व्हाट्सएप, ट्रेडिंग और धोखाधड़ी; नोएडा में एक बिजनेसमैन को साइबर ठगों ने लगाया 9 करोड़ का चूना

Cyber Crime : धोखाधड़ी मामले में जांच के दौरान मिला कि जिन बैंक खातों में ठगी का पैसा ट्रांसफर किया गया था, वे चेन्नई, असम, भुवनेश्वर, हरियाणा और राजस्थान सहित विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं.

01 June, 2024

Cyber Crime : नोएडा के सेक्टर 40 में रहने वाले एक व्यवसायी के साथ कथित तौर पर 9 करोड़ रुपये की ठगी हुई है. पुलिस के अनुसार 1 मई को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के बारे में एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़े जाने के बाद उसके एक महीने के अंदर इतनी बड़ी धोखाधड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को सेक्टर 36 में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई और व्यवसायी के खाते में 1.62 करोड़ रुपये के लेन-देन को फ्रीज कर दिया गया है, शिकायत सुनने के बाद पुलिस अब आगे की जांच कर रही है.

ट्रेडिंग में 9 करोड़ से ज्यादा किया गया था निवेश

बोथरा पुलिस ने कहा कि जब हमें शिकायत मिली तो हमने इसके तुरंत बाद जांच में जुट गए और उन्होंने कहा आगे कहा कि 1 मई को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था. ग्रुप को शेयर बाजार ट्रेडिंग से लाभ के बारे में जानकारी थी और तब से उन्होंने छोटी मात्रा में निवेश शुरू किया. वहीं सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर अपराध पुलिस स्टेशन) विवेक रंजन राय ने कहा कि 27 मई तक उन्होंने शेयर ट्रेडिंग में 9.09 करोड़ रुपये तक का निवेश कर दिया था. हालांकि, इसके बाद उनका (ट्रेडिंग) खाता बंद कर दिया गया.

साइबर ठगों को गिरफ्तार करने के लिए टीम गठित की गई

राय ने कहा कि अब तक हम उसके बैंक खाते से 1.62 करोड़ रुपये जब्त कराने में कामयाब रहे हैं. दूसरी तरफ ACP ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि जिन बैंक खातों में ठगी का पैसा ट्रांसफर किया गया था, वे चेन्नई, असम, भुवनेश्वर, हरियाणा और राजस्थान सहित विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं. पुलिस के मुताबिक मामले की जांच और इसमें शामिल साइबर ठगों को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. पुलिस ने आम जनता से उभरते ऑनलाइन अपराधों से सावधान रहने और केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 या आपातकालीन नंबर 112 या स्थानीय पुलिस स्टेशनों के साइबर डेस्क का उपयोग करके जल्द से जल्द उन तक पहुंचने का आग्रह किया.

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