Home शिक्षा वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना; 4,000 संस्थान अब भी वंचित, संसदीय समिति ने जताई चिंता

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना; 4,000 संस्थान अब भी वंचित, संसदीय समिति ने जताई चिंता

by Jiya Kaushik
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One Nation One Subscription

One Nation One Subscription: शिक्षा मंत्रालय की ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना का लाभ अब तक लगभग 4,000 योग्य संस्थानों तक नहीं पहुंचा है. संसदीय स्थायी समिति ने इसकी धीमी प्रगति पर सवाल उठाते हुए सरकार से तत्काल अद्यतन रिपोर्ट और कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है.

One Nation One Subscription: देशभर के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों को एक ही प्लेटफॉर्म से ई-संसाधनों और शोध सामग्री की पहुंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना (ONOS) की प्रगति पर संसदीय स्थायी समिति ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. समिति की रिपोर्ट के अनुसार, 7,008 योग्य संस्थानों में से लगभग 4,000 संस्थान अभी भी इस योजना के लाभ से वंचित हैं.

धीमी प्रगति पर सख्त टिप्पणी

शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल मामलों से जुड़ी स्थायी समिति, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह कर रहे हैं, ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि योजना को मंजूरी और लागू होने के बावजूद लाभार्थियों तक इसकी पहुंच बेहद धीमी है. समिति ने अपनी 364वीं रिपोर्ट (वित्त वर्ष 2024-25 के उच्च शिक्षा विभाग की अनुदान मांग पर) में पहले भी इस योजना के तेज कार्यान्वयन की सिफारिश की थी. इसके बावजूद, अब भी बड़ी संख्या में संस्थान लाभ से बाहर हैं.

अद्यतन जानकारी और कार्ययोजना की मांग

समिति ने शिक्षा मंत्रालय से कहा है कि ONOS योजना के मौजूदा कवरेज, इसकी बाधाओं और क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी तत्काल उपलब्ध कराई जाए. समिति का मानना है कि इस योजना के जरिये उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में इसका असर सीमित है.

अनुसंधान को लेकर भी चिंता

रिपोर्ट में अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं. समिति ने कहा कि कानून के तहत उच्च स्तरीय कार्यकारी परिषद का गठन तो किया गया, जिसमें रणनीतिक दिशा तय करने, प्रदर्शन की निगरानी करने और उद्देश्यों के क्रियान्वयन की रूपरेखा बनाई गई, लेकिन पिछले वित्त वर्ष में ANRF अपने बजट का एक भी रुपया खर्च नहीं कर पाया.

भविष्य की राह और अपेक्षाएं

समिति ने स्पष्ट किया कि ANRF की मौजूदा स्थिति और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जानी चाहिए. उनका कहना है कि उच्च शिक्षा और शोध क्षेत्र में सुधार लाने के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब उनका समयबद्ध और व्यापक क्रियान्वयन हो.

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन जैसी योजनाएं और ANRF जैसे संस्थान भारत की शिक्षा और शोध व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. लेकिन संसदीय समिति की यह चेतावनी स्पष्ट संकेत है कि यदि कार्यान्वयन की रफ्तार और पारदर्शिता नहीं बढ़ी, तो इन महत्वाकांक्षी योजनाओं का उद्देश्य अधूरा रह सकता है.

यह भी पढ़ें: CBSE लाएगा ‘भारतीय गणित परंपरा’ पर विशेष ग्रंथ, प्राचीन से आधुनिक युग तक के योगदान का होगा दस्तावेज

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