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चक्रवात ‘मोन्था’ का कहर: आंध्र प्रदेश में भारी तबाही, 2 की मौत और लाखों एकड़ फसल बर्बाद, बिजली आपूर्ति ठप

by Sanjay Kumar Srivastava
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Cyclone Montha in Andhra Pradesh

Cyclone Montha: चक्रवात मोन्था ने आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई. मंगलवार आधी रात को आंध्र प्रदेश के तट को पार करने वाले चक्रवात मोन्था ने 1.50 लाख एकड़ से अधिक की खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया.

Cyclone Montha: चक्रवात मोन्था ने आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई. मंगलवार आधी रात को आंध्र प्रदेश के तट को पार करने वाले चक्रवात मोन्था ने 1.50 लाख एकड़ से अधिक की खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया. बिजली और परिवहन व्यवस्था भी बाधित हो गई. पड़ोसी तेलंगाना में भी भारी बारिश हुई. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कहा कि राज्य में भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था के कारण दो लोगों की मौत हो गई. मोन्था, जिसका थाई में अर्थ एक सुगंधित फूल है, मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि में पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुर के पास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर गया. मोन्था तटीय आंध्र प्रदेश और उससे सटे तेलंगाना पर एक गहरे दबाव के क्षेत्र में कमजोर हो गया. नायडू ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया, जिसमें बापटला, पालनाडु, कृष्णा, कोनासीमा और एलुरु जिले शामिल थे.

1.8 लाख लोग राहत शिविरों में

सीएम ने कोनासीमा जिले के अल्लावरम मंडल के ओडालारेवु गांव में भी एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने विस्थापितों को आवश्यक आपूर्ति वितरित की, जिसमें 25 किलो चावल और अन्य सामान और प्रति परिवार 3,000 रुपये नकद शामिल थे. सीएम ने कहा कि यह राज्य के लिए एक बड़ी आपदा है. हालांकि हम थोड़ा बचाने में कामयाब रहे. हम 1.8 लाख लोगों को राहत शिविरों में लेकर आए. उन्होंने कहा कि हमने आपातकालीन स्थितियों में बिजली बंद कर दी और तुरंत बहाल भी कर दी. उन्होंने कहा कि चार सब-स्टेशनों को छोड़कर अन्य सभी में बिजली आ गई. सीएम के अनुसार, धान और बागवानी फसलों को नुकसान हुआ इससे पहले नायडू ने समूचे सरकारी तंत्र से चक्रवात प्रभावित लोगों को और अधिक राहत पहुंचाने के लिए अगले दो दिनों तक अपने प्रयास जारी रखने को कहा. उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न विभागों में चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया ताकि केंद्र सरकार को इसकी जानकारी दी जा सके. प्रारंभिक अनुमानों का हवाला देते हुए सरकार ने मंगलवार को बताया था कि मोन्था के प्रभाव से 38,000 हेक्टेयर में खड़ी कृषि फसलें नष्ट हो गईं और 1.38 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलों को भी नुकसान पहुंचा .

विजयवाड़ा में आंधी के साथ भारी बारिश

कृषि मंत्री के. अत्चन्नायडू ने बुधवार को कहा कि हालांकि मोन्था के आने के बाद इसकी तीव्रता कम हो गई है, लेकिन कई प्रभावित जिलों में बिजली और परिवहन व्यवस्था बाधित है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें राहत कार्य जारी रखे हुए हैं. निज़ामपट्टनम रेपल्ले रोड, मछलीपट्टनम मंगिनापुडी रोड और अनकापल्ली व मछलीपट्टनम क्षेत्रों में गिरे पेड़ों को हटा दिया गया है. आपदा प्रबंधन के विशेष मुख्य सचिव जी साई प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बारिश और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक वस्तुओं के वितरण का निर्देश दिया है. सरकार 25 किलो चावल और लाल चना दाल, खाना पकाने का तेल, प्याज, आलू और चीनी, प्रत्येक एक किलो वितरित करेगी. बुनकरों और मछुआरों के लिए चावल की दोगुनी मात्रा वितरित की जाएगी. बुधवार सुबह विजयवाड़ा शहर में आंधी के साथ भारी बारिश हुई और तट पार करने वाले ‘मोंथा’ के प्रभाव में कई पेड़ उखड़ गए और कई सड़कें जलमग्न हो गईं. इस बीच मौसम विभाग ने 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और यनम में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान लगाया है.

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