Home Latest News & Updates भारत स्वास्थ्य संकट की ओर: मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर में वृद्धि, दिल्ली में हर तीन में से एक को डायबिटीज

भारत स्वास्थ्य संकट की ओर: मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर में वृद्धि, दिल्ली में हर तीन में से एक को डायबिटीज

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
health crisis

Health Crisis in India: भारत में मधुमेह तेज़ी से फैल रहा है. विशेषज्ञों ने सरकार और समाज से मिलकर तत्काल रणनीति अपनाने की मांग की.

Health Crisis in India: भारत में स्वास्थ्य संकट गहराने की चेतावनी देते हुए पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों के एक समूह ने कहा है कि देश मधुमेह (Diabetes), हृदय रोग ( heart disease) और कैंसर (cancer) जैसी गंभीर बीमारियों की ओर बढ़ रहा है. हाल ही में पैसिफिक वनहेल्थ द्वारा आयोजित एक सत्र में विशेषज्ञों ने कहा कि यदि तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भारत में यह संकट और गहरा जाएगा. सर गंगा राम अस्पताल के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.डीएस राणा ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा और नैतिक नियमन की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति की है, लेकिन दवा मूल्य निर्धारण और अस्पताल की लागत जैसी असमानताएं अब भी बनी हुई हैं. हमें स्वास्थ्य सेवाओं को न्यायसंगत और सुलभ बनाने के लिए मजबूत नैतिक प्रथाओं और नियामक साहस की ज़रूरत है.

हृदय कई बीमारियों का मार्ग

मेदांता अस्पताल के इंटरवेंशनल एंड स्ट्रक्चरल हार्ट कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. प्रवीण चंद्रा ने हृदय रोग के बढ़ते बोझ को रेखांकित करते हुए कहा कि हृदय कई बीमारियों का सामान्य मार्ग है. उन्होंने बताया कि ‘गोल्डन ऑवर’ के भीतर आपातकालीन एंजियोप्लास्टी अनगिनत लोगों की जान बचा सकती है और अब उन्नत हृदय हस्तक्षेप 80-90 वर्ष के रोगियों के लिए भी सुलभ हैं. साथ ही उन्होंने निवारक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की अपील की. डायबिटीज विशेषज्ञ और पद्मश्री डॉ. अनूप मिश्रा ने कहा कि भारत में मधुमेह तेज़ी से फैल रहा है और आने वाले समय में यह सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. विशेषज्ञों ने सरकार और समाज से मिलकर तत्काल रणनीति अपनाने की मांग की.

करीब 30 प्रतिशत लोग प्री-डायबिटिक

उन्होंने बताया कि दिल्ली के हर तीन में से एक निवासी मधुमेह से पीड़ित है. करीब 30 प्रतिशत लोग प्री-डायबिटिक हैं. यह गर्व की बात नहीं है – रोकथाम और प्रारंभिक नियंत्रण बेहद ज़रूरी है.फोर्टिस सी-डॉक हॉस्पिटल फॉर डायबिटीज़ एंड एलाइड साइंसेज के अध्यक्ष और दिल्ली एम्स में पूर्व प्रोफेसर (मेडिसिन) ने कहा कि ओज़ेम्पिक जैसी दवाए आशाजनक लग सकती हैं, लेकिन जीवनशैली और जागरूकता ही हमारे पास सबसे मज़बूत हथियार हैं. सर गंगा राम अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार पद्मश्री डॉ. मोहसिन वली ने विश्वास-आधारित देखभाल के महत्व पर ज़ोर दिया. डॉ. वली ने कहा कि ऐसे मॉडल अपनाकर हम गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकते हैं और एक स्वस्थ भारत की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर सकते हैं.

नैतिकता पर आधारित हो स्वास्थ्य सेवा

पैसिफिक वनहेल्थ के अध्यक्ष और सह-संस्थापक डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को एक विशेषाधिकार से एक वादे में बदलना होगा, जो नैतिकता पर आधारित हो, नवाचार से संचालित हो और रोगी पर केंद्रित हो. पैसिफिक वनहेल्थ में हमारा मानना ​​है कि भविष्य इसी में निहित है. श्रीवास्तव ने कहा कि निवारक, प्राथमिक और तृतीयक देखभाल को निर्बाध रूप से पूरा करना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी पीछे न छूटे. विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि भारत ने चिकित्सा प्रौद्योगिकी और उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है, लेकिन जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में अनियंत्रित वृद्धि और निवारक जांच की कमी इसे स्वास्थ्य आपातकाल की ओर धकेल रही है.

ये भी पढ़ेंः 20 डिग्री से ऊपर तापमान बढ़ते ही श्रमिकों की कार्यक्षमता 3% तक घटी, अत्यधिक गर्मी स्वास्थ्य के लिए खतरा

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?