Home Top News अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए भारत की बातचीत जारी, किसान हित से समझौता नहीं

अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए भारत की बातचीत जारी, किसान हित से समझौता नहीं

by Sanjay Kumar Srivastava
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External Affairs Minister S Jaishankar

US-India Trade Agreement: एक सरकार के रूप में भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम इस पर बहुत दृढ़ हैं.

US-India Trade Agreement: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में भारत की कुछ सीमाएं हैं. विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा करेगी. जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच व्यापार समझौते के लिए बातचीत चल रही है. इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दुनिया के साथ व्यवहार करने का तरीका पारंपरिक तरीके से बहुत बड़ा बदलाव है और पूरी दुनिया इस मुद्दे का सामना कर रही है. जयशंकर प्रसाद ने कहा कि यह अपने आप में एक बदलाव है जो भारत तक सीमित नहीं है. ट्रम्प द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के बाद नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में गिरावट आई है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है.

दोनों देशों के बीच व्यापार प्रमुख मुद्दा

विदेश मंत्री ने कहा कि व्यापार दोनों देशों के बीच वास्तव में प्रमुख मुद्दा है. बातचीत अभी भी जारी है और लब्बोलुआब यह है कि हमारे पास कुछ सीमाएं हैं. कहा कि ये सीमाएं हमारे किसानों के हित में हैं. इसलिए जब लोग कहते हैं कि हम सफल हुए या असफल, इस पर मेरा जवाब है कि एक सरकार के रूप में हम अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम किसानों के मुद्दे पर बहुत दृढ़ हैं. विदेश मंत्री ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों द्वारा बार-बार लगाए गए उन आरोपों का भी जवाब दिया कि भारत रूस से रियायती दामों पर कच्चा तेल खरीदकर और फिर यूरोप व अन्य जगहों पर रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों को प्रीमियम कीमतों पर बेचकर मुनाफाखोरी कर रहा है.

विदेश मंत्री ने कहा- समस्या है तो भारत से न खरीदें तेल

जयशंकर ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि जो लोग एक व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लिए काम करते हैं, वे दूसरे लोगों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं. यह वाकई अजीब है. अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो इसे न खरीदें. कोई आपको इसे खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता. लेकिन यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है, इसलिए अगर आपको यह पसंद नहीं है, तो इसे न खरीदें. विदेश मंत्री ने उन टिप्पणियों को भी खारिज कर दिया कि नई दिल्ली-वाशिंगटन संबंधों में तनाव के मद्देनजर चीन के साथ भारत के संबंध सुधर रहे हैं. मुझे लगता है कि इस पर विश्लेषण करना गलत होगा. उन्होंने कहा कि हम हर चीज को एक साथ लेकर किसी विशेष परिस्थिति के लिए एकीकृत प्रतिक्रिया तैयार कर सकते हैं.

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