Gaza War : गाजा में सहायता की नई प्रणाली शुरू करने के बाद 21 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और इस दौरान करीब 175 लोग घायल हो गए. इसी बीच US सहायता एजेंसी ने भी इजराइल के साथ काम करने के लिए मना कर दिया है.
Gaza War : गाजा पट्टी में लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी मोहताज होने पड़ रहा है. यही वजह है कि फिलिस्तीनियों को खाद्य पदार्थों के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. रेड क्रॉस द्वारा संचालित एक अस्पताल के अनुसार, रविवार को कम से कम 21 लोग मारे गए और यह घटना तब हुई जब गाजा पट्टी इजराइल समर्थित फाउंडेशन से सहायता प्राप्त करने के लिए पहुंचे थे. यहां पर इजराइली सैनिकों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी. साथ ही इस मुद्दे पर इजराइली सरकार की टिप्पणी सामने नहीं आई है. बता दें कि अस्पताल ने शवों को प्राप्त किया और फिल्ड अस्पताल के अधिकारियों ने आगे कहा कि 175 लोग घायल भी हुए हैं.
सहायता प्रणाली कई सारी अव्यवस्था
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि इजराइली सेना ने सहायता वितरण स्थल की ओर जा रहे लोगों पर गोलियां चलाई गईं हैं. बताया जा रहा है कि नई सहायता प्रणाली में काफी अव्यवस्था है और लोग भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. इस पूरे मामले में पर फाउंडेशन का कहना है कि यहां पर सुरक्षा करने वाले निजी सुरक्षा ठेकेदारों ने भीड़ पर कोई भी गोलीबारी नहीं की है, हालांकि इजराइली सेना ने कई अवसरों पर गोलियां चलाने की बात स्वीकार की थी. प्रत्यक्षदर्शी इब्राहिम अबू सऊद ने कहा कि इजराइली सेना ने सहायता वितरण केंद्र की ओर बढ़ रहे लोगों पर गोलियां चलाईं. वहीं, एक 40 वर्षीय निवासी ने बताया कि महिलाओं समेत कई लोग इस गोलीबारी में मारे गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम सेना से करीब 300 मीटर की दूरी पर खड़े थे और उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दी.
महिलाओं को गोली मारते हुए देखा गया
मोहम्मद अबू तेइमा ने नाम के एक शख्स ने कहा कि उसने इजराइली सेना को अपने चचेरे भाई और एक अन्य महिला को गोली मारते हुए देखा, जब सहायता लेने की ओर जा रहे थे. उन्होंने कहा कि उनके चचेरे भाई को सीने में गोली मार दी गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके अलावा उनके बहनोई समेत कई अन्य लोग घायल हो गए. इस दौरान सेना ने हमारे ऊपर जमकर गोलीबारी भी की गई है. बता दें कि इजराइल और अमेरिका का कहन है कि नई प्रणाली के तहत दी जा रही सहायता को हमास हड़पना चाहता है और उसके किसी भी कीमत पर रोका जाना चाहिए. हालांकि, इसको लेकर दोनों देशों ने कोई सबूत पेश नहीं किया है कि हमास सहायता को हड़पना चाहता है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों समेत प्रमुख सहायता एजेंसियों ने नई प्रणाली के साथ काम करने से इन्कार कर दिया है, उनका कहना है कि यह मानवीय सिद्धांतों का उल्लंघन करती हैं क्योंकि यह इजराइल को यह नियंत्रित करने की अनुमति देती हैं.
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