China on TRF: अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ को वैश्विक आतंकी घोषित करने के बाद चीन ने भी पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष लताड़ लगाते हुए कहे दी ये बात. अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग हुआ पाकिस्तान.
China on TRF: पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. अमेरिका ने हाल ही में द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप माना जाता है. ये वही संगठन है जिसने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. अब इस घटनाक्रम के बाद चीन ने भी पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है.
चीन का कड़ा संदेश
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की सख्त निंदा करते हैं. चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और अन्य देशों से भी आग्रह करता है कि वे आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाएं.” यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन आमतौर पर पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपनाता रहा है. लेकिन इस बार चीन की तरफ से आया यह रुख एक स्पष्ट संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच वह भी आतंक के मुद्दे पर तटस्थ दिखने की कोशिश कर रहा है.
अमेरिका ने जताई सख्ती

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ कहा कि टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ अपनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम है.
संयुक्त राष्ट्र में अब भी अड़ंगा डालता रहा है पाक
पहलगाम हमले के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की थी, लेकिन पाकिस्तान और चीन की आपत्ति के चलते टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा का नाम उस बयान में शामिल नहीं किया गया. इससे यह सवाल भी उठे कि क्या ये देश अब भी आतंकियों के प्रति नरम रुख रखते हैं? लेकिन अब चीन की बदली हुई भाषा से संकेत मिल रहा है कि वह भी वैश्विक दबाव के चलते अपनी छवि को लेकर सचेत हो गया है.
टीआरएफ, नाम नया पर चेहरा पुराना
द रेजिस्टेंस फ्रंट को लश्कर-ए-तैयबा का नया फ्रंट माना जाता है, जो पाकिस्तान समर्थित आतंक का चेहरा बदलकर कश्मीर में युवाओं को भड़काने के लिए बनाया गया है. 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के तुरंत बाद टीआरएफ ने जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय आलोचना और भारत की सर्जिकल प्रतिक्रिया के बाद उसने बयान वापस ले लिया.
भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
इस हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान और POK में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया. इस ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया. यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश था कि भारत अब आतंकवाद के हर चेहरे के खिलाफ निर्णायक रवैया अपनाएगा.
पाक पर अब चारों ओर से बढ़ता दबाव
टीआरएफ को लेकर अमेरिका और चीन का रुख पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चेतावनी है. पहले जो चीन हर बार पाकिस्तान का ढाल बनता था, अब वही आतंक के मुद्दे पर उससे दूरी बनाता दिख रहा है. आने वाले समय में यह बदलता रुख पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकता है, वरना वह वैश्विक मंच पर और ज्यादा अलग-थलग पड़ जाएगा.
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