Pakistan Terrorism : आतंकियों का गढ़ भारत के सामने गिड़गिड़ा रहा है और मांग कर रहा है कि हम साथ मिलकर काम कर सकते हैं. वहीं, भारत का भी स्पष्ट कहना है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता है.
Pakistan Terrorism : दुनिया भर में आतंकी के लिए सबसे सुरक्षित देश बन चुका पाकिस्तान ने एक बार फिर नई चाल चलने की कोशिश की है. पाकिस्तान ने अपने देश में आतंकियों में कमी लाने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी RAW और ISI को एक साथ काम करने के लिए आग्रह किया है. इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने कहा कि पाकिस्तान और भारतीय की खुफिया एजेंसियां के सहयोग से दक्षिण एशिया में आतंकवाद में काफी कमी आ सकती है. बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की तरफ ऑपरेशन सिंदूर चलाने के बाद वैश्विक कूटनीतिक प्रयास के तहत अमेरिका एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.
परमाणु सशस्त्र का संघर्ष कम नहीं हुआ
डॉन अखबार ने भुट्टो के हवाले से कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अगर ISI और RAW इन ताकतों से लड़ने के लिए एक साथ बैठकर काम करने के लिए तैयार है. हम भारत-पाकिस्तान में आतंकवाद में काफी कमी देखेंगे. इसके अलावा उन्होंने वैश्विक समुदाय से दक्षिण एशिया में सक्रिय बने रहने का भी आग्रह किया. साथ ही चेतावनी दी है कि हाल ही में हुए युद्ध विराम के बाद परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच संघर्ष का जोखिम कम नहीं हुआ है बल्कि यह पहले के मुकाबले बढ़ गया है. उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से हस्तक्षेप करने के बाद कई मामले हल हुए हैं. इसके अलावा मैं इस मामले में खासकर डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व वाली टीम का उल्लेख करूंगा, क्योंकि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करने में सफल रहे हैं.
पाकिस्तान फैला रहा प्रोपेगेंडा
पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान कार्रवाइयों का जवाब दिया. हालांकि, भारतीय सेना ने उसके हर हमले को नाकाम कर दिया था. इसके बाद भी पाकिस्तान लगातार जश्न मना रहा है और अपने देश में प्रोपेगेंडा की तरफ फैला रहा है कि उसने पलटवार करके भारत को काफी नुकसान पहुंचाया है. बता दें कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जिस तरह का जख्म पाकिस्तान में आतंकी अड्डों पर हमला करके दिया है वह काफी सालों तक नहीं भूलेगा. लेकिन कुछ नहीं कर पाने के बीच पाकिस्तान अपने लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रोपेगेंडा फैला रहा है.
भारत-पाक को एक मंच बनाना चाहिए
वहीं, भारत का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में किसी भी आतंकवादी घटना को पाकिस्तान के साथ युद्ध के खतरे से जोड़ना अस्वीकार्य है. उन्होंने बताया कि दो परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच कोई विवाद समाधान तंत्र नहीं हो सकता है. उन्होंने आग्रह किया है कि सहमति के साथ एक मंच बनाया जाया जाना चाहिए. जहां पर दोनों पक्ष अपनी शिकायतों को दर्ज कर सके. साथ ही आतंकवादी घटनाओं के बारे में जांच करने के साथ मिलकर काम कर सकें. इसके अलावा भारत की तरफ सिंधु जल संधि को रद्द करने के फैसले पर भी जरदारी ने जहर उगला और कहा कि पानी को हथियार बनाने का प्रयास है.
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