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ट्रंप-पुतिन की मुलाकात पर दुनिया की नजर, अलास्का शिखर सम्मेलन; तय होगी युद्ध की दिशा!

by Sachin Kumar
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Donald Trump Putin meet Alaska high-stakes summit Russia Ukraine war

Trump-Putin Summit : राष्ट्रपति ट्रंप और प्रेसीडेंट पुतिन के बीच शुक्रवार को मुलाकात होने जा रही है. इसी बीच बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन में युद्ध की दिशा भी तय होगी कि वह किस ओर जाएगा.

Trump-Putin Summit : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को अलास्का शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. इस दौरान न केवल यूक्रेन में युद्ध की दिशा बल्कि यूरोपीय सुरक्षा का भविष्य भी तय होगा. साथ ही यह मीटिंग डोनाल्ड ट्रंप को यह भी मौका देगी कि वह एक शानदार सौदागार होने के साथ वैश्विक शांतिदूत भी हैं. साथ ही यह पुतिन की किसी पश्चिमी देश की पहली यात्रा होगी जब उन्होंने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था. दूसरी तरफ ट्रंप के सहयोगियों ने उन्हें एक ऐसे मजबूत वार्ताकार के रूप में पेश किया है जो नरसंहार को समाप्त करने का रास्ता खोज सकता है, ऐसा कुछ जिसका दावा करते थे कि वह इसे जल्दी कर सकते हैं.

क्या यूक्रेन को लग सकता है झटका?

पुतिन के लिए ट्रंप के साथ शिखर सम्मेलन एक लंबे समय से प्रतीक्षित अवसर प्रदान करता है, जिससे एक ऐसे समझौते पर बातचीत करने का प्रयास किया जा सके जो रूस के लाभों को पुख्ता करें. कीव के नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने के प्रयास को रोके और अंतत: यूक्रेन को मास्को के प्रभाव क्षेत्र में वापस खींच लें. पुतिन को अमेरिकी धरती पर लाकर राष्ट्रपति ट्रंप मान्यता दे रहे हैं जिसकी उन्हें साढ़े तीन साल पहले यूक्रेन पर आक्रमण के बाद मिली उपेक्षा के बाद जरूरत थी. शिखर सम्मेलन से यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की को बाहर रखना पश्चिमी देशों की यूक्रेन के बिना यूक्रेन के बारे में कुछ नहीं की नीति को झटका लग सकता है और इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि ट्रंप उन शर्तों पर सहमत हो सकते हैं जिस पर यूक्रेन को आपत्ति है.

अस्थायी युद्धविराम का विरोध करते रहे हैं पुतिन

हालांकि, अभी तक किसी भी तरह की सफलता की कोई गारंटी निश्चित नहीं है, जबकि यूक्रेन और रूस शांति की अपनी मांगों से काफी दूर है. पुतिन लंबे समय से किसी भी अस्थायी युद्धविराम का विरोध करते रहे हैं, इसे पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति में रूकावट है. यूक्रेन के लामबंदी प्रयासों पर रोक से जोड़ते हैं, जिन्हें कीव और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने अस्वीकार कर दिया था. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि जब उनका काफिला वाशिंगटन में सूर्योदय के तुरंत बाद व्हाइट हाउस के बाहर रुका हुआ था. एक घंटे के बाद उन्होंने एयर फोर्स वैन में सवार होते हुए हाथ हिलाया था, लेकिन किसी भी पत्रकार से उन्होंने चर्चा नहीं की.

रूस नहीं बनाता आगे की योजना

बता दें कि ट्रंप ने गुरुवार को कहा था कि शिखर सम्मेलन के विफल होने की 25 फीसदी ही संभावना है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह वार्ता सफल होती है तो वह अलास्का में जेलेंस्की को एक त्रिपक्षीय बैठक के लिए बुला सकते हैं, जिस पर फिलहाल रूस सहमत नहीं है. जब 25 फीसदी सफलता को लेकर रूस विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रूस कभी भी आगे की योजना नहीं बनाता है.

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