India and Brazil Relation: भारत और ब्राजील के बीच हुए यह समझौते सिर्फ दो देशों की साझेदारी नहीं, बल्कि वैश्विक दक्षिण के उभरते नेतृत्व की एक झलक हैं.
India and Brazil Relation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील दौरे पर भारत-ब्राजील संबंधों को नई दिशा देने वाले अहम समझौतों की घोषणा की है. दोनों देशों ने ऊर्जा, पर्यावरण, डिजिटल पेमेंट और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मिलकर काम करने का संकल्प जताया. खास बात यह रही कि पीएम मोदी ने यह भी खुलासा किया कि भारत और ब्राजील यूपीआई (UPI) जैसी डिजिटल भुगतान प्रणाली को एक साथ विकसित करने पर काम कर रहे हैं.यूपीआई जैसी भारत की डिजिटल क्रांति अब ब्राजील में भी कदम रखने जा रही है, जो दोनों देशों को भविष्य की अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी बना सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी को ब्राजील की ओर से देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस’ भी प्रदान किया गया. उन्होंने इसे भारत और भारतवासियों के लिए गर्व का क्षण बताया.
ऊर्जा, पर्यावरण और व्यापार पर साथ कदम
पीएम मोदी ने कहा कि भारत-ब्राजील द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में 20 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. ऊर्जा और स्वच्छ तकनीक, पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति लूला की भागीदारी से दोनों देशों के संबंध लगातार मजबूत हुए हैं.

UPI को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह बताया कि ब्राजील और भारत मिलकर UPI डिजिटल पेमेंट सिस्टम को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत ब्राजील के साथ यूपीआई का सहयोग एक नई शुरुआत है. स्वास्थ्य, कृषि और आयुर्वेद जैसे क्षेत्रों में भी भारत-ब्राजील की साझेदारी अब और मजबूत होगी.”
कृषि, पशुपालन और आयुर्वेद पर सहयोग
पीएम मोदी ने बताया कि भारत और ब्राजील के बीच कृषि और पशुपालन को लेकर दशकों से मजबूत सहयोग रहा है. अब इस साझेदारी को और आगे बढ़ाते हुए कृषि अनुसंधान में भी संयुक्त प्रयास होंगे. साथ ही भारत ने आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर भी ब्राजील के साथ काम करने की इच्छा जताई है.
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने क्या कहा?
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने भारत-ब्राजील संबंधों को ‘शांति का प्रतीक’ बताते हुए कहा कि, “हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन करते हैं.” उन्होंने अमेरिका की तरफ से BRICS पर लगाए जा सकने वाले संभावित टैरिफ को लेकर भी चेताया, और दोहराया कि किसी भी देश की संप्रभुता में हस्तक्षेप अस्वीकार्य है.
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