India US Trade: व्हाइट हाउस की खुशामद या रणनीति? पीएम मोदी की तारीफ और ट्रंप से रिश्तों पर अमेरिका का बड़ा बयान
India US Trade: भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ी ट्रेड डील होने की उम्मीद है, और इसी से ठीक पहले व्हाइट हाउस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बयान सामने आया है जिसने कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए थे कि भारत के साथ एक बहुत ही अच्छा व्यापारिक समझौता होने वाला है. इसके बाद अब व्हाइट हाउस ने भी एक प्रेस ब्रीफिंग में भारत को लेकर बयान दिया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बेहतरीन रिश्तों की बात कही गई है.
भारत की भूमिका की तारीफ
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का एक बेहद रणनीतिक साझेदार है और राष्ट्रपति ट्रंप के प्रधानमंत्री मोदी के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं, जिन्हें आगे भी जारी रखा जाएगा. यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर QUAD देशों की बैठक के सिलसिले में अमेरिका पहुंचे हुए हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में “आतंकवाद की मानवीय लागत” विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया.
क्वाड से लेकर व्यापार तक, भारत केंद्र में
क्वाड (QUAD) यानी ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच की डिप्लोमेटिक साझेदारी, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करती है. ऐसे में अमेरिका की यह टिप्पणी भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और प्रभाव का संकेत देती है.
ट्रेड डील पर क्या बोले दोनों देश?
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि जल्द ही अमेरिका और भारत के बीच एक “बड़ी और शानदार साझेदारी” की घोषणा हो सकती है. इस पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया कि भारत इस साझेदारी के लिए तैयार है, लेकिन वह अपने हितों और कुछ शर्तों के साथ ही इसमें आगे बढ़ेगा.
क्या है इस बयान के पीछे की चाल?
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत-अमेरिका संबंधों को नया आयाम देने के लिए यह बयान रणनीतिक रूप से तय समय पर दिया गया है. चीन के बढ़ते प्रभाव और वैश्विक व्यापार समीकरणों के बीच अमेरिका भारत को अपने करीब रखना चाहता है. ट्रेड डील से पहले व्हाइट हाउस की ओर से आई यह “तारीफ” क्या सिर्फ औपचारिकता है या कोई बड़ी कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा? आने वाले दिनों में इस डील के ऐलान के साथ ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में किस हद तक गहराई और भरोसा है.
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