Home Top News Muhammad Yunus दे सकते हैं इस्तीफा! चुनौतियों में फंसी सरकार; सेना का नहीं मिल रहा है साथ

Muhammad Yunus दे सकते हैं इस्तीफा! चुनौतियों में फंसी सरकार; सेना का नहीं मिल रहा है साथ

by Live Times
0 comment
Muhammad Yunus Resignation

Muhammad Yunus Resignation : पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में बड़ी एक्शन की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस इस्तीफा दे सकते हैं.

Muhammad Yunus Resignation : पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. इस कड़ी में वहां की सरकार में बड़ी फेरबदल देखने को मिल सकती है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस इस्तीफा देने का विचार कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि राजनीतिक दलों के बीच सहमति नहीं बन पाने की वजह से उनके लिए काम करना मुश्किल हो रहा है. ये जानकारी बीबीसी बांग्ला सेवा ने आधी रात को छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी सीपी पार्टी के प्रमुख नाहिद इस्लाम के हवाले से आई है.

नाहिद इस्लाम का बयान

इस मुद्दे पर बात करते हुए इस्लाम ने कहा कि हम आज सुबह से ही सर यूनुस के इस्तीफे की खबर सामने आ रही है. इसके लिए मैं इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलने गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह इस बारे में विचार कर रहे हैं. उन्हें लगता है जिस हिसाब की स्थिति चल रही है वह काम नहीं कर सकते.

यह भी पढ़ें: व्हाइट हाउस में फिर भिड़े ट्रंप, अफ्रीका के राष्ट्रपति से हुई बहस; कतर के गिफ्ट को लेकर कसा तंज

ऐसे समय में काम करना मुश्किल

आपको बता दें कि NCP संयोजक ने इस मामले को लेकर कहा कि मुख्य सलाहकार यूनुस ने आशंका जताई कि देश की मौजूदा स्थिति में वे काम नहीं कर पाएंगे. उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि जब तक राजनीतिक दल सहमति नहीं बना लेते, मैं काम नहीं कर पाऊंगा. वहीं, इस साल फरवरी में यूनुस के आशीर्वाद से उभरे NCP के नेता ने कहा कि उन्होंने यूनुस से कहा था कि देश की सुरक्षा और भविष्य के लिए जनांदोलन की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मजबूत बने रहे.

लगातार चुनौतियों से जूझ रही है सरकार

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से यूनुस सरकार कई चुनौतियों से जूझ रही है. इसमें सबसे बड़ी चुनौती ये है कि बांग्लादेश के सैन्य बलों से बढ़ती दूरी है जिसकी वजह से पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के दौरान अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में आंदोलन के चलते पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को बेदखल कर दिया था.

सेना भी नहीं है साथ

वहीं, स्थिति इस कदर बिगड़ गई है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सेना ने विद्रोह को दबाने के लिए कहे जाने के बावजूद प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई नहीं किया. हालांकि, सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सुरक्षित भारत लौटने के लिए वायुसेना के विमान मुहैया कराया था. इतना ही नहीं, यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाने में मदद भी की.

यह भी पढ़ें: वाशिंगटन में फायरिंग, इजरायली दूतावास के 2 कर्मचारियों की हत्या; लगे ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे

You may also like

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
    -
    00:00
    00:00