Pakistan on Sindhu River: सिंधु जल संधि पर फिर से पाकिस्तान की गुहार दिखाती है कि ऑपरेशन सिंदूर और बदलते हालात ने इस्लामाबाद को किस कदर दबाव में ला दिया है. अब देखना होगा कि भारत इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है.
Pakistan on Sindhu River: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पस्त पाकिस्तान एक बार फिर भारत से बातचीत की गुहार लगाने पर मजबूर हो गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात कर सिंधु जल संधि, जम्मू-कश्मीर, आतंकवाद और व्यापार जैसे मुद्दों पर भारत से सार्थक बातचीत की अपील की. साथ ही सिंधु के पानी को लेकर चिंता जताई और अमेरिका से मध्यस्थता की उम्मीद जताई.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद झुका पाकिस्तान
20 जून 2025 को शहबाज शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बातचीत के दौरान भारत से सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत की पेशकश की. पाकिस्तान की सरकारी मीडिया के मुताबिक शहबाज शरीफ ने कहा कि अब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर, सिंधु जल संधि, व्यापार और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा को तैयार है. पाकिस्तान टीवी की पोस्ट में कहा गया कि, “पाकिस्तान दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए भारत से सार्थक बातचीत जरूरी है.” हालांकि भारत पहले ही साफ कर चुका है कि बात सिर्फ पीओके की वापसी और आतंकवाद पर होगी.

सिंधु जल पर शहबाज की गुहार
पाकिस्तान के लिए सिंधु का पानी बड़ी चिंता बना हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर और भारत द्वारा सख्त रुख अपनाए जाने के बाद पाकिस्तान में जल संकट गहराता जा रहा है. शहबाज शरीफ ने अमेरिका से अपील की कि वह इस संकट को सुलझाने में मदद करे. “पानी की कमी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आम जनता के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है,” शहबाज ने कहा.
ट्रंप की तारीफ और कूटनीति पर जोर
शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत-पाक संघर्षविराम और शांति प्रयासों को नई दिशा मिली है. साथ ही विदेश मंत्री मार्को रुबियो की कूटनीति की भी सराहना की. उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के दक्षिण एशिया पर सकारात्मक बयान उत्साहजनक हैं.”
ईरान-इजरायल युद्ध पर चर्चा
इस बातचीत में शहबाज शरीफ और मार्को रुबियो के बीच ईरान-इजरायल युद्ध पर भी चर्चा हुई. शहबाज ने कहा कि इस संकट का हल बातचीत और कूटनीति से ही निकाला जा सकता है.
भारत का रुख स्पष्ट
भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से किसी तरह की बातचीत का सवाल तभी उठेगा जब वह आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई करे और पीओके पर चर्चा के लिए तैयार हो. सिंधु जल पर भी भारत ने अपने अधिकारों के तहत ही नीतियां बनाई हैं.
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