पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मॉनसूनी बारिश ने कहर मचा दिया है और 24 घंटों में 30 लोगों की जान चली गई है. प्रशासन ने ‘वर्षा आपातकाल’ अनाउंस किया है.
‘Rain emergency’ in Pakistan: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बारिश का कहर जारी है. आलम ये है कि 24 घंटों में ही 30 लोगों की मौत हो चुकी है. हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने ‘वर्षा आपातकाल’ घोषित किया है. न्यूज एजेंसी PTI को अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि पाकिस्तान के पंजाब में पिछले 24 घंटों में मूसलाधार बारिश ने 30 लोगों की जान ले ली, जिसके बाद प्रांतीय सरकार ने विभिन्न हिस्सों में “वर्षा आपातकाल” घोषित कर दिया है
कौनसे इलाके हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?
अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र चकवाल रहा, जो लाहौर से लगभग 300 किलोमीटर दूर प्रांत का क्षेत्र है. पिछले 24 घंटों में 423 मिमी बारिश हुई, जिससे इलाके में बाढ़ आ गई. इस संबंध में प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक बयान जारी किया है. बयान में कहा, “सेना और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से, चकवाल में अचानक आई बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है.” मौसम विभाग ने जो प्रेडिक्शन दिया है, वो भी डरा रहा है. पूरे प्रांत में गुरुवार को भी मॉनसूनी बारिश जारी रहने की आशंका जताई गई है और अधिकारियों ने पूरे पंजाब में नदियों और नालों में संभावित बाढ़ के लिए अलर्ट जारी किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में हुई 30 मौतों के साथ, पाकिस्तान में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है, लेकिन 26 जून को मॉनसून की पहली बारिश के बाद से सबसे ज्यादा मौतें पंजाब में हुई हैं.
कितने लोग हुए घायल?
पीडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 30 लोगों की मौत के अलावा, पंजाब में 300 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर मौतें लाहौर, फैसलाबाद, ओकारा, साहीवाल, पाकपट्टन और चकवाल में हुई हैं. इन इलाकों में 125 से ज्यादात घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. इस बीच, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने रावलपिंडी समेत प्रांत के विभिन्न हिस्सों में “बारिश आपातकाल” घोषित कर दिया है और नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया है. पंजाब सरकार के एक बयान में कहा गया है, “जिला प्रशासन, पुलिस और बचाव दल सहित सभी संबंधित विभाग पूरे प्रांत में नागरिकों को बिगड़ती बाढ़ की स्थिति से बचाने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं.” इसमें कहा गया है, “अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, तथा क्षेत्रीय अस्पतालों और अन्य चिकित्सा सुविधाओं को नागरिकों की सहायता के लिए पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं.”
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