SCO Summit : प्रधानमंत्री मोदी एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए तियानजिन पहुंच गए हैं. इसी बीच सम्मेलन इतर भारत और चीन के प्रतिनिधित्व ने द्विपक्षीय वार्ता की.
SCO Summit : चीन के तियानजिन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) से मुलाकात की. इस शहर में इस बार एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इसी बीच दोनों देशों के बीच में सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच प्रत्यक्ष रूप से कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई. इसी बीच राष्ट्रपति शी ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि दोनों देशों के लिए मित्र बने रहना ही सही विकल्प है और उन्हें सीमा विवाद को अपने संबंधों को परिभाषित नहीं करने देना चाहिए. शी ने पीएम मोदी से आगे कहा कि दोनों एशियाई पड़ोसियों को अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
दोनों देश साझेदार बनें, प्रतिद्वंद्वी
राष्ट्रपति शी ने कहा कि भारत और चीन सहयोगी साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं. साथ ही दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि विकास के अवसर हैं. उन्होंने आगे कहा कि जब दोनों देश इस व्यापक दिशा में अडिग रहेंगे तब तक स्थिर और दीर्घकालिक विकास को बनाए रख सकते हैं. दोनों के लिए यही सही विकल्प है कि वे ऐसे मित्र बनें जिनके बीच अच्छे पड़ोसी और सौहार्दपूर्ण संबंध हों. ऐसे साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता में सहायक हों और ऐसे साझेदार बनें जो ड्रैगन और हाथी को एक साथ नचाएं. इस बैठक का उद्देश्य अप्रत्यक्ष रूप से यह भी था कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ने दोनों देशों को सीधे तौर पर चुनौती देने का काम किया है.
राजनयिक संबंध की 75वीं वर्षगांठ
आपको बताते चलें कि चीन-भारत राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए शी ने कहा कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना और संभालना होगा. अगर संबंध अच्छे रहते हैं तो निरंतर स्थिर विकास की तरफ तेजी से बढ़ा जाएगा. शी ने कहा कि चीन और भारत को अच्छे संबंधों वाले पड़ोसी और एक-दूसरे की सफलता में सहायक भागीदार बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि ड्रैगन और हाथी साथ चलें तो यही अच्छा विकल्प होगा. उन्होंने नई दिल्ली और बीजिंग के बीच विश्वास गहरा, आदान-प्रदान, सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की तलाश में एक-दूसरे की चिंताओं पर ध्यान देने और साझा हितों की रक्षा के लिए बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए रणनीतिक संचार को मजबूत करने का आह्वान किया.
यह भी पढ़ें- BRICS के खिलाफ ‘प्रतिबंधों’ पर भड़के पुतिन! कहा- संगठन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध
