Home Top News BRICS के खिलाफ ‘प्रतिबंधों’ पर भड़के पुतिन! कहा- संगठन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध

BRICS के खिलाफ ‘प्रतिबंधों’ पर भड़के पुतिन! कहा- संगठन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध

by Sachin Kumar
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Putin Russia China oppose discriminatory sanctions against BRICS countries

SCO Summit : तियानजिन शहर में एससीओ का शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है. इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रपति पुतिन पहुंच गए हैं और यहां पर उन्होंने एक शानदार इंटरव्यू दिया जिसकी चर्चा चारों ओर हो रही है.

SCO Summit : चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग का शिखर सम्मेलन होने जा रहा है और इस मौके पर भारत समेत तमाम देशों के नेता पहुंच रहे हैं. इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भी पहुंचे हैं और यहां पर उन्होंने कहा कि रूस-चीन ने ब्रिक्स सदस्य देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों के खिलाफ एक साझा रुख अपनाया है. चीन की एक समाचार एजेंसी शिन्हुआ से बात करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस और चीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर विशेष ध्यान देने की कोशिश कर रहे हैं और वैश्विक चुनौतियों से सामना करने के लिए ब्रिक्स को मजबूत करने के लिए एकजुट हैं.

मोदी-पुतिन करेंगे मुलाकात

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि मास्को और बिजिंग ब्रिक्स सदस्यों और समग्र विश्व के सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले भेदभाव प्रतिबंधों के खिलाफ एक साझा रुख अपनाते हैं. पुतिन की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी. ब्रिक्स एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. इसके अलावा सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया, मिस्र, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात ने ब्रिक्स में नए सदस्य के रूप में मान्यता ली है. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी रविवार से सोमवार तक आयोजित होने वाले सम्मेलन से अलग हटकर राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे.

IMF और विश्व बैंक को सुधारने की कोशिश

आपको बताते चलें कि शिन्हुआ को दिए अपने इंटरव्यू में पुतिन ने आगे कहा कि रूस-चीन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधारने समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों का मानना है कि एक नई वित्तीय प्रणाली खुलेपन और सच्ची समानता के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए जो सभी देशों को अपना उपकरणों तक समान और गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच प्रदान कर सके. साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी में सदस्य देशों की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित कर सके. हम समस्त मानवता के हित में प्रगति चाहते हैं. मुझे विश्वास है कि रूस और चीन इस महान लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम करते रहेंगे और अपने महान राष्ट्रों की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को समन्वित करेंगे.

शक्तिशाली संचार को मजबूत करेगा

पुतिन ने आशा व्यक्त की है कि SCO तियानजिन शिखर सम्मेलन 10-सदस्यीय संगठन में एक शक्तिशाली नई गति का संचार करेगा और समकालिन चुनौतियों और खतरों का सामना करने की क्षमता को भी मजबूत करने का काम करेगा. साझा यूरेशियन क्षेत्र में एकजुटता को भी मजबूत करेगा. साथ ही एससीओ का आकर्षण इसके सरल और शक्तिशाली सिद्धांतों में शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- रूस ने फिर बरपाया यूक्रेन पर कहर! ड्रोन और मिसाइल से किए ताबड़तोड़ हमले; 12 की मौत

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