Home International लेबर पार्टी में विद्रोह के बाद वेलफेयर पॉलिसी में बड़ा बदलाव! फंसी केंद्र-वाम सरकार; क्या करेंगे कीर स्टार्मर?

लेबर पार्टी में विद्रोह के बाद वेलफेयर पॉलिसी में बड़ा बदलाव! फंसी केंद्र-वाम सरकार; क्या करेंगे कीर स्टार्मर?

by Sachin Kumar
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UK kir Starmer waters down planned welfare cuts revolt Labour Party

Keir Starmer News : स्टार्मर सरकार ने अगले हफ्ते संसद में एक विधेयक लाने का प्लान बनाया था जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले सैकड़ों हजारों लोगों से व्यक्तिगत स्वतंत्रता का भुगतान हटाने पर विचार किया जाना है.

Keir Starmer News : ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन में लोगों का जीवन स्तर काफी नीचे पहुंच गया है और ऐसे में निम्न आय वाले लोगों की कल्याणकारी योजनाओं पर उम्मीदें टिकी हुई हैं. इसी बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने शुक्रवार को राजनीतिक दबाव के आगे घुटने टेकने का काम किया है. उन्होंने अपनी ही पार्टी के सासंदों द्वारा हार से बचने के लिए योजनाबद्ध कल्याण सुधारों को कमजोर करने का काम किया है.

स्वास्थ्य क्षेत्र में होगा बजट कम!

स्टार्मर सरकार के प्लान के मुताबिक, खर्च में कटौती और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के परस्पर विरोधी लक्ष्यों के बीच फंसी केंद्र-वाम सरकार के लिए यह यू-टर्न की तरह होगा. स्टार्मर सरकार ने अगले हफ्ते संसद में एक विधेयक लाने का प्लान बनाया था जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य स्थिति वाले सैकड़ों हजारों लोगों से व्यक्तिगत स्वतंत्रता का भुगतान हटाने पर विचार किया जाना है. वहीं, अगर यह विधेयक संसद से पारित हो जाता है तो कम आय वाले लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य संबंधी आर्थिक सहायता को भी कम कर दिया जाएगा. सरकार ने कहा कि प्रस्तावित बदलाव लोगों को नौकरी खोजने में मदद करेंगे.

कल्याणकारी योजना में होगी कटौती

वहीं, सरकार का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव की वजह से लोगों को नौकरी खोजने में मदद होगी, जबकि उन लोगों के लिए सुरक्षा भी बनाए रखेगा जो काम नहीं कर सकते हैं. साथ ही कोविड-19 महामारी के बाद से कल्याणकारी योजनाओं में खर्च होने वाला 7 बिलियन डॉलर की बचत भी करेगा. हालांकि, कई लेबर पार्टी के सांसदों ने असहमति दर्ज की है और इसकी वजह से साल 2030 तक 3.2 मिलियन लोगों की आय में काफी कमी आएगी. आपको बताते चलें कि 403 लेबर विधायकों में से 120 से अधिक ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए जो बिल के पारित होने पर प्रभावी रूप से समाप्त हो जाएगा. लेकिन इससे पहले की स्टार्मर बिल को पार्लियामेंट में पारित करते उससे पहले ही उनके सांसदों ने विद्रोह कर दिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम कीर अपने ही सांसदों के सामने घुटने टेकने पर मजबूर हो गए हैं.

स्टार्मर की लोकप्रियता में आई गिरावट

बता दें कि एक साल पहले कीर स्टार्मर ने केंद्रीय चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी और उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में सीटों के हिसाब से बड़ा बहुमत हासिल किया था. लेकिन इसके बाद से उनकी लोकप्रियता में काफी गिरावट आई है, क्योंकि सुस्त अर्थव्यवस्था की वजह से लोगों के जीवन स्तर पर काफी गिरावट दर्ज की गई है. इसी कड़ी में स्टारमर को कई बार यू-टर्न लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

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