Tariff War : डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर हर एक देश आलोचना कर रहा है और अब उनका विरोध आंतरिक रूप से भी होने लगा है. USA के पूर्व सलाहकार ने कहा कि ट्रंप की नीति की वजह से भारत रूस के करीब गया.
Tariff War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) की टैरिफ नीति को लेकर भारत समेत ज्यादातर देश नाराज हैं. इसी बीच चीन में SCO का शिखर सम्मेलन हुआ, जिसमें भारत, रूस और चीन के बीच काफी करीबी देखी गई. अब कहा जा रही है कि अगर मोदी-पुतिन और शी एक मंच पर साथ आते हैं तो यह अमेरिका के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि यह तीनों देश BRICS के भी सदस्य हैं. इसी कड़ी में अमेरिका के पूर्व NSA जॉन बोल्टन ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को रूस से दूर करने और चीन से उत्पन्न खतरे के प्रति आगाह करने के पश्चिमी देशों के दशकों पुराने प्रयासों को ध्वस्त कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ नीतियों और हाल ही में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के दावों ने स्थिति को पहले के मुकाबले बिगाड़ दिया है.
भारत को रूस और चीन से दूर किया
आपको बताते चलें कि जॉन बोल्टन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने थे और एक वक्त के बाद उनके सबसे बड़े आलोचकों में से एक बन गए. बोल्टन ने सोमवार को एक पोस्ट में लिखा कि पश्चिम ने भारत को सोवियत संघ के रूस के साथ शीत युद्ध के लगाव से दूर करने और चीन से उत्पन्न खतरे के प्रति आगाह करने के लिए दशकों से काफी प्रयास किए हैं, लेकिन ट्रंप ने अपने विनाशकारी टैरिफ नीति की वजह से सब कुछ बिगाड़ दिया. इसके अलावा उन्होंने स्काई न्यूज के अपने एक इंटरव्यू में कहा कि पश्चिमी देश खासकर अमेरिका ने भारत को रूस से दूर रखने की कोशिश की, उनसे अत्याधुनिक हथियार खरीदे हैं और नई दिल्ली को चीन से उत्पन्न खतरे के प्रति आगाह किया है.
25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ ने बढ़ाया विवाद
बोल्टन ने कहा कि ट्रंप ने हाल ही में कई ऐसे फैसले लिए हैं जिनसे भारतीयों को ट्रंप द्वारा लगाए जाने वाले बुनियादी शुल्कों से काफी नाराजगी हुई है. उन्होंने कहा कि व्यापाक स्तर पर आर्थिक घटनाएं सभी के लिए आपदा हैं. इसके बाद भारत को लगा था कि वह वाशिंगटन के साथ विवादों में सुलझाने के करीब है, लेकिन उस पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया. इसके बाद रूस से तेल और गैस खरीदने पर भी ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगा दिया. दूसरी ओर रिश्तों में सबसे ज्यादा खटास तब हुई जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का दावा बार-बार किया गया. इसके अलावा भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद सहमति बनी है. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में कहा है कि किसी भी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा है.
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी, पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात से नरम पड़ा अमेरिका, विदेश मंत्री का बयान वायरल
