Russia-Ukraine war: सबकी निगाहें आने वाली बैठकों और रूस की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं. ये तय करेगा कि युद्ध का अंत नजदीक है या अभी लंबा रास्ता बाकी है।
24 November, 2025
Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशों में आखिरकार हल्की-सी हलचल दिखाई दे रही है. हालांकि, अब तक ये साफ नहीं है कि शांति के रास्ते पर वाकई में कितने कदम का रास्ता तय किया गया है. अमेरिका और यूक्रेन दोनों ने रविवार को दावा किया कि बातचीत में प्रगति हो रही है, लेकिन उन्होंने किसी ठोस कदम या समझौते की क्लियर जानकारी देने से परहेज़ किया. वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जिनेवा में हुई हाई-स्टेक्स मीटिंग को उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद ये सबसे प्रोडक्टिव बातचीत रही. उनके मुताबिक, ये उम्मीद की किरण है कि जल्द कुछ बड़ा हो सकता है. हालांकि, उन्होंने बातचीत की बारीकियों के बारे में बात करने से मना कर दिया.
यूरोप की बेचैनी
रुबियो ने साफ किया कि अमेरिका के पीस प्लान में यूरोप की जिम्मेदारियां अलग हो सकती हैं. वहीं, रूस और यूक्रेन से जुड़े मुद्दे अलग तरीके से निपटाए जाएंगे. साथ ही उन्होंने ये भी याद दिलाया कि आखिरी फैसला रूस को भी मानना होगा. राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही यूक्रेन को अमेरिकी मदद के लिए तंज कस चुके हैं, लेकिन रूस पर उन्होंने सीधी आलोचना करने से दूरी बनाए रखी है. उन्होंने यूक्रेन को गुरुवार तक अमेरिकी प्रस्ताव पर जवाब देने की डेडलाइन दी है. हालांकि, रुबियो ने सिग्नल दिया कि अगर प्रोगेस दिखी तो ये टाइमलाइन आगे भी बढ़ सकती है. वहीं, यूरोपीय देशों और कई अमेरिकी नेताओं ने इस योजना को रूस के पक्ष में बताया है. कुछ अमेरिकी सीनेटरों के मुताबिक, रुबियो खुद के चुके हैं कि ये योजना रूस की विशलिस्ट जैसी लगती है. हालांकि, बाद में उन्होंने इसे गलतफहमी बताया.
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शांति चाहिए, पर ज़मीन नहीं देंगे
यूक्रेनी डेलिगेशन के चीफ एंद्रि यरमाक ने कहा कि, पहली बैठक काफी अच्छी रही और दूसरी बैठक जल्दी शुरू होगी. उन्होंने ये भी कहा कि आखिरी फैसला यूक्रेन और अमेरिका के राष्ट्रपति मिलकर लेंगे. हालांकि, सबसे बड़ा मुद्दा है अमेरिका का 28 पॉइंट प्लान, जो कथित तौर पर रूस की कई मांगों को मानता है. इसमें यूक्रेन से बड़े भूभाग छोड़ने की मांग भी शामिल है. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पहले ही साफ कर चुके हैं कि, कोई भी क्षेत्रीय समझौता स्वीकार नहीं होगा. उनका कहना है कि यूक्रेन हमेशा अपनी जमीन की रक्षा करेगा. फ्रांस ने भी इस प्लान पर आपत्ति जताई है, खासतौर पर उन बिंदुओं पर जो यूक्रेन की सेना की क्षमता और संप्रभुता को सीमित करते हैं.
रूस और तुर्की का दांव
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन सोमवार को रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे और 2022 वाले गेहूं निर्यात समझौते को फिर से शुरू करने की कोशिश करेंगे. उनका ये कदम शांति वार्ता में एक नई कड़ी जोड़ सकता है. कहा जा सकता है कि, शांति की बात तो हो रही है, लेकिन शांति अभी भी दूर है.
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