India-Israel FTA: भारत और इज़राइल के बीच जल्द ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने वाला है. बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच होने वाले इस समझौते को 2 चरणों में लागू किया जा सकता है.
23 November, 2025
India-Israel FTA: भारत और इज़राइल के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी FTA को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं. दोनों देश इस प्रस्तावित समझौते को दो चरणों में लागू करने पर विचार कर रहे हैं, ताकि व्यापार समुदाय को जल्दी और ईजी प्रोफिट मिल सके. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत और इज़राइल ने हाल ही में एफटीए पर फॉर्मल बातचीत शुरू करने के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) पर साइन किए हैं. टीओआर में गुड्स के लिए बाजार तक आसान पहुंच, टैरिफ हटाना, निवेश को सरल बनाना, तकनीक और इनोवेशन को बढ़ावा देना, कस्टम प्रक्रियाओं को आसान करना और सर्विस ट्रेड को प्रोत्साहित करने जैसे कई अहम बिंदु शामिल हैं.
पहला फोकस
पीयूष गोयल के मुताबिक, बातचीत शुरू होने के बाद दोनों देश पहले चरण को जल्दी पूरा करना चाहते हैं, ताकि व्यापारियों को शुरुआती लाभ मिल सके. इसके अलावा उनकी और इज़राइल के इकनॉमी एवं इंडस्ट्री मंत्री निर बारकात की बातचीत में ये तय हुआ कि दोनों देश पहले ऐसे मुद्दों पर काम करेंगे जिन्हें जल्दी निपटाया जा सकता है. यानी पहले आसान और कम सेंसिटिव सब्जेक्ट पर समझौता हो सकता है. साथ ही दोनों देश तकनीकी सहयोग, संयुक्त प्रोजेक्ट्स और इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के लिए एक्साइटेड हैं. वैसे भी, भारत के बड़े बाजार और इज़राइल की तकनीकी क्षमता के मेल से संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं.
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50 अरब डॉलर का प्रोजेक्ट
इज़राइल ने हाल ही में तेल अवीव में बनने वाले लगभग 50 अरब डॉलर के मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए प्री-क्वालिफिकेशन डॉक्यूमेंट जारी किए हैं. ये 300 किलोमीटर अंडरग्राउंड टनलिंग वाला बड़ा प्रोजेक्ट है. पीयूष गोयल ने बताया कि इज़राइल चाहता है कि भारतीय कंपनियां भी इस प्रोजेक्ट में बोली लगाएं. भारत में 23 शहरों में मेट्रो कंस्ट्रक्शन का एक्सपीरियंस होने की वजह से भारतीय कंपनियों को इस प्रोजेक्ट में मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
कम हुआ बिजनेस
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में भारत का इज़राइल को कुल एक्सपोर्ट 52 प्रतिशत गिरकर 2.14 अरब डॉलर रह गया. वहीं, इम्पोर्ट भी 26.2 प्रतिशत कम होकर 1.48 अरब डॉलर रहा. इसके बावजूद, भारत एशिया में इज़राइल का दूसरा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बना हुआ है. दोनों देशों के बीच बिजनेस में डायमंड, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और केमिकल्स की अहम भूमिका रही है. हाल के सालों में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी, हाई-टेक उपकरण, कम्युनिकेशन सिस्टम और मेडिकल डिवाइसेज का बिजनेस भी बढ़ा है.
बिजनेस की नई राह
भारत से इज़राइल को मेजर एक्सपोर्ट में कीमती पत्थर, डीजल, मशीनरी, प्लास्टिक, कपड़े, मेटल्स और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स शामिल हैं. वहीं, इज़राइल से भारत को इम्पोर्ट में कीमती पत्थर, केमिकल, मशीनरी, पेट्रोलियम प्रोडक्ट और डिफेंस इक्विपमेंट सबसे बड़े हैं.
ऐसे में अगर इस FTA प्लान पर सहमति बन जाती है, तो दोनों देशों के बिजनेस रिलेशन्स को नया बूस्ट मिलेगा और कंपनियों को तेजी से प्रोफिट मिलना शुरू हो सकता है. ये कदम भारत-इज़राइल इकोनॉमी पार्टनरशिप को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है.
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