Rupee against Dollar: रिकॉर्ड गिरावट के बाद रुपये में हल्की उछाल इन्वेस्टर्स के लिए राहत की खबर है. हालांकि, बाजार की नजरें आगे भी ट्रेड डील, ग्लोबल इक्विटी सेंटिमेंट और RBI की रणनीति पर टिकी रहेंगी.
24 November, 2025
Rupee against Dollar: रुपये ने सोमवार की सुबह चमकदार वापसी की और 49 पैसे मजबूत होकर 89.17 पर खुला. पिछले हफ्ते की लगातार कमजोरी और रिकॉर्ड-लो क्लोजिंग के बाद ये उछाल मार्केट में थोड़ी राहत लेकर आया. वैसे, शुरुआत से ही साफ झलक रहा था कि आज का ट्रेडिंग सेशन रुपये के लिए बेहतर रहने वाला है. फॉरेक्स ट्रेडरों के मुताबिक, बैंकों की डॉलर सेलिंग, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और RBI के दखल की वजह से रुपये को मजबूती मिली है. घरेलू शेयर बाजार भी हरे निशान पर खुले, जिससे सेंटिमेंट और सुधरा.
लगा था बड़ा झटका
शुक्रवार को रुपये ने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावटों में एक दर्ज की. रुपया 98 पैसे टूटकर यह 89.66 के ऑल टाइम लो लेवल पर बंद हुआ. ये गिरावट पिछले तीन साल में सबसे तेज मानी गई. इससे पहले फरवरी 2022 में रुपये में 99 पैसे की बड़ी फिसलन दर्ज की गई थी. वहीं, ग्लोबल मार्केट में सेलिंग, लोकल इक्विटी में दबाव और ट्रेड से जुड़ी अनिश्चितताओं ने डॉलर की भारी मांग पैदा की थी, जिससे रुपये पर काफी दबाव बना.
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90 के पार होगा रुपया?
फिलहाल बाजार में यह सवाल सबसे ज्यादा चर्चा में है, कि क्या रुपया 90 के पार जाएगा? दरअसल, फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के हेड ऑफ ट्रेजरी अनिल कुमार भंसाली के मुताबिक, ज्यादातर ट्रेडरों का मानना है कि अगले कुछ हफ्तों तक RBI रुपये को 90 के लेवल से बचाए रखेगा. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर पॉजिटिव अपडेट न मिला, तो रुपया 90 के पार भी जा सकता है.
कच्चे तेल का हाल
इंटरनेशनल मार्केट में डॉलर इंडेक्स हल्की बढ़त के साथ 100.18 पर था. ब्रेंट क्रूड भी करीब 0.10 प्रतिशत गिरकर 62.50 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था. तेल कीमतों में इस गिरावट ने रुपये को मजबूत होने का मौका दिया. सोमवार को सेंसेक्स 218 अंकों की बढ़त के साथ 85,450 पर और निफ्टी 69.4 अंकों की बढ़त के साथ 26,137 पर खुला. हालांकि, शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने बाजार से 1,766 करोड़ रुपये की बड़ी निकासी की थी, जिससे डॉलर की मांग और बढ़ गई थी. इस बीच, RBI के आंकड़ों के मुताबिक, भारत का फॉरेक्स रिज़र्व 5.54 अरब डॉलर बढ़कर 692.57 अरब डॉलर हो गया है. सोने के रिज़र्व में बढ़त ने इसमें अहम भूमिका निभाई. रिकॉर्ड गिरावट के बाद रुपये में ये उछाल इन्वेस्टर्स के लिए राहतभरी खबर है. हालांकि, बाजार की नजरें आगे भी ट्रेड डील, वैश्विक इक्विटी सेंटिमेंट और RBI की रणनीति पर टिकी रहेंगी. फिलहाल इतना साफ है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की जंग अभी भी जारी है.
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