West Bengal News : पश्चिम बंगाल में एक महिला बीएलओ ने सुसाइड कर लिया और इस खबर के फैलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. मृतका ने आरोप लगाया कि इसका जिम्मेदार चुनाव आयोग है.
West Bengal News : पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक महिला बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने शनिवार को आत्महत्या कर ली और अब इलाके में माहौल तनावग्रस्त है. बताया जा रहा है कि महिला ने ज्यादा काम होने की वजह से सुसाइड कर लिया. मृतक महिला के परिजनों का कहना है कि वह SIR के काम से बहुत ज्यादा स्ट्रेस में थी और सुसाइड कर लिया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BLO की मौत पर हैरानी जताई और कहा कि यह अब सच में बहुत चिंताजनक हो गया है. सीएम की तरफ से शेयर किए गए सुसाइड नोट में मृतक ने इस नतीजे पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया.
EC से की मौतों की जिम्मेदारी लेने को
तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि 4 नवंबर से शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बीएलओ समेत 34 लोगों की मौत हो गई है और ईसीआई से इन लोगों की मौत की जिम्मेदारी लेने की मांग की. दूसरी मुख्यमंत्री बनर्जी ने एक्स पोस्ट में कहा कि एक और बीएलओ, एक महिला पैरा-टीचर की मौत की खबर काफी दुखद है. रिंकू तरफदार ने आज अपने घर में सुसाइड करने के पहले एक सुसाइड नोट में चुनाव आयोग को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि अब कितना और जान जाएगी? इस एसआईआर के लिए और कितने लोगों को मरना होगा? इस प्रोसेस के लिए हमें और कितनी लाशें देखनी होंगी? यह सच में काफी चिंताजनक हो गया है. इस मामले को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि विवेकानंद विद्यामंदिर में पैरा-टीचर 52 साल की महिला अपने घर की छत से लटकी हुई मिली. परिवार का कहना है कि एसआईआर के काम के बोझ वजह से बहुत प्रेशर हो गया था.
पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है. इसके अलावा परिजनों ने मृतक के नोट के हवाले से कहा कि वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ी हुई नहीं थी और वह बीएलओ के रूप में काम कर रही थी. बंगाली में लिखे नोट में मृतका ने आरोप लगाया कि मैं जीना चाहती थी और मेरे परिवार को किसी भी चीज की कमी नहीं है. लेकिन इस नौकरी के लिए उन्होंने मुझे इतनी बेइज्जती में धकेल दिया है कि मेरे पास मरने के अलावा कोई चारा नहीं है. इस नतीजे के लिए सिर्फ इलेक्शन कमीशन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि मैं यह बेइज्जती वाला काम का बोझ नहीं उठा सकती है. मैं एक पार्ट टाइम टीचर हूं और मेरी मेहनत के मुकाबले में मेरी सैलरी मामूली है. मृतका ने आगे कहा कि मैं 95 फीसदी ऑफलाइन काम को पूरा कर चुकी थी और मैं ऑनलाइन काम नहीं कर पा रही थी. साथ ही बीडीओ ऑफिस और अपने सुपरवाइजर को बताने के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया.
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