BHU-MANACHITRA: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) राउरकेला के शोधकर्ताओं ने BHU-MANACHITRA नामक भूमि मानचित्रण ड्रोन प्रणाली का पेटेंट हासिल किया है.
BHU-MANACHITRA: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) राउरकेला के शोधकर्ताओं ने BHU-MANACHITRA नामक भूमि मानचित्रण ड्रोन प्रणाली का पेटेंट हासिल किया है. यह उन्नत प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मानव रहित हवाई वाहन (UAV) तकनीक का उपयोग करती है, जिससे बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी, बाहरी कंप्यूटर या मैनुअल हस्तक्षेप के स्वतः भूमि के मानचित्र तैयार किए जा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि यह तकनीक पारंपरिक भूमि मानचित्रण के समय और लागत को काफी हद तक कम कर सकती है. वर्तमान में भारत में भूमि मानचित्रण मैनुअल सर्वेक्षण पर निर्भर है, जिसे पूरा करने में हफ्तों से महीनों का समय लग जाता है और मानचित्र भी हमेशा सही नहीं होते. नई प्रणाली से खेत, जंगल, वनस्पति और शहरी क्षेत्रों की पहचान हो सकती है, जो प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
बिना इंटरनेट करेगा ऑटोमैपिंग
यह नवाचार देश में भूमि सर्वेक्षण तकनीक को और सटीकता देगा. कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर संबित बख्शी ने बताया कि भूमि मानचित्रण के लिए दुनिया भर में डीप लर्निंग मॉडल विकसित किए जा रहे हैं. वे अक्सर भीड़भाड़ के कारण सड़कों, इमारतों और वनस्पतियों की सही पहचान नहीं कर पाते हैं. ये मॉडल अक्सर गलत नक्शे का चित्रण भी करते हैं. कहा कि इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए हमने एक मॉडल विकसित किया है जो ड्रोन को भूमि के चित्रण में मदद करता है. इसके अलावा यह प्रणाली 2016 में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) में भी मदद कर सकती है, जिसका उद्देश्य आधुनिक और एकीकृत भूमि रिकॉर्ड प्रणाली बनाने के लिए मानचित्रों को डिजिटाइज़ करना है.
बाढ़, भूस्खलन और भूकंप के लिए उपयोगी
शोधकर्ताओं ने बताया कि बाढ़, भूस्खलन और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान यह प्रणाली तत्काल भू-भाग की जानकारी प्रदान कर सकती है, जिससे अधिकारियों को त्वरित और अधिक प्रभावी योजना बनाने में मदद मिलती है. पर्यावरण और वन विभाग इसका उपयोग वनों की कटाई, अतिक्रमण और जैव विविधता में बदलाव की निगरानी के लिए कर सकते हैं. बख्शी ने कहा कि BHU-MANACHITRA में इस्तेमाल किया गया 2.48 मिलियन मापदंडों वाला एक हल्का AI मॉडल इसे ऑन-बोर्ड प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त बनाता है.
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