Home राज्यKerala कौन हैं निमिषा प्रिया,16 जुलाई को यमन में दी जाएगी फांसी, जान बचाने के लिए आगे आए ये सांसद, मोदी को लिखा पत्र

कौन हैं निमिषा प्रिया,16 जुलाई को यमन में दी जाएगी फांसी, जान बचाने के लिए आगे आए ये सांसद, मोदी को लिखा पत्र

by Sanjay Kumar Srivastava
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Nimisha Priya

प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उसकी फांसी रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. केरल की इस नर्स को 16 जुलाई को यमन में फांसी पर चढ़ाया जाना है.

New Delhi: कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को केरल में जन्मी निमिषा प्रिया को यमन में फांसी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है. एक्स पर एक पोस्ट में वेणुगोपाल ने कहा कि प्रिया विदेशी धरती पर अकल्पनीय क्रूरता और घरेलू दुर्व्यवहार की शिकार है. कांग्रेस महासचिव (संगठन) ने अपने पोस्ट में कहा कि निमिषा प्रिया को मौत की सज़ा न्याय का घोर उपहास है. वह विदेशी धरती पर अकल्पनीय क्रूरता और घरेलू दुर्व्यवहार की शिकार है, जिसे मौत के कगार पर धकेल दिया गया है.

पीएम मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह

उन्होंने आगे कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उसकी फांसी रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. केरल की इस नर्स को 16 जुलाई को यमन में फांसी पर चढ़ाया जाना है. हत्या के एक मामले में यमन की राजधानी सना की एक जेल में निमिषा प्रिया बंद है. प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में वेणुगोपाल ने कहा कि हालांकि एक्शन काउंसिल और उसके परिवार द्वारा पीड़िता के परिवार के साथ ‘रक्त-धन’ (दियाह) स्वीकार करने के लिए बातचीत करने के प्रयास किए गए हैं, जिससे संभवतः उसकी जान बच सकती है, लेकिन चल रहे गृहयुद्ध और अन्य आंतरिक गड़बड़ियों के कारण इन वार्ताओं को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से नर्स को मौत की सजा से बचाने के लिए यमनी अधिकारियों के साथ सभी संभावित राजनयिक उपायों का आग्रह करते हुए सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

हत्या के लिए 2020 में ठहराया गया था दोषी

निमिषा प्रिया (38) को जुलाई 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझेदार की हत्या के लिए 2020 में दोषी ठहराया गया था. वह केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली है. पिछले नवंबर में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने उसकी अपील को खारिज कर दिया और देश के सरकारी वकील ने आदेश दिया कि उसकी सजा मंगलवार को दी जाए. फैसले के खिलाफ केरल में तत्काल हस्तक्षेप की मांग तेज हो गई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्यसभा सांसद पी. संदोष कुमार ने गुरुवार को पत्र लिखा. उन्होंने मंत्री एस जयशंकर से नर्स की फांसी पर रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया.

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