Home Top News असम में बाढ़ ने ली 17 लोगों की जान, 6.5 लाख से ज्यादा प्रभावित, इन जिलों में खतरा बरकरार

असम में बाढ़ ने ली 17 लोगों की जान, 6.5 लाख से ज्यादा प्रभावित, इन जिलों में खतरा बरकरार

by Live Times
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असम में सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और राज्य में कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए राहत शिविर बनाए हैं.

असम में सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और राज्य में कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए राहत शिविर बनाए हैं.

Assam Flood Wreak Havoc: असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. भारी बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. बाढ़ ने करीब 6.5 लोगों को प्रभावित किया है. अधिकारियों ने बताया कि असम में बाढ़ की स्थिति बुधवार को भी बहुत गंभीर है क्योंकि लगातार बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में जलस्तर बढ़ गया और कई नए इलाकों में भी बाढ़ ने हाल बेहाल कर दिया है. ब्रह्मपुत्र समेत सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है.

कितने लोगों की हुई मौत?

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने मंगलवार रात बाढ़ की तबाही के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि असम के हैलाकांडी, श्रीभूमि, मोरीगांव, कछार, सोनितपुर और तिनसुकिया जिलों में छह और लोगों की जान चली गई और 21 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है. अहम ये है कि इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है. एएसडीएमए के एक अधिकारी ने कहा, “सुबह से ही निचले असम के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है. बारपेटा, बोंगाईगांव, नलबाड़ी, गोलपारा और बक्सा में कई जगहें प्रभावित हुई हैं. कुल मिलाकर 69 राजस्व सर्किलों और 21 जिलों के 1,506 गांवों में 6,33,114 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित जिला श्रीभूमि है, जहां 2,31,536 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, इसके बाद नागांव में 99,819 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और कछार में 89,344 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.”

राहत शिविर के जरिए मिल रही मदद

असम के कई जिलों में बाढ़ की भयंकर स्थिति को देखते हुए सरकार ने राहत शिविर चालू किए हैं. कुल मिलाकर, 223 राहत शिविर चालू हैं, जो 39,746 विस्थापित लोगों को आश्रय प्रदान कर रहे हैं, जबकि 288 राहत वितरण केंद्र भी चालू किए गए हैं. राज्य में सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिनमें हैलाकांडी जिले के मतिजुरी में कटाखाल नदी भी अपने उच्चतम बाढ़ स्तर से ऊपर बह रही है. ब्रह्मपुत्र नदी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर सड़क, रेल और नौका सेवाएं भी बाधित हुई हैं. यातायात सेवा ठप होने की वजह से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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