आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को Anti Corruption Bureau ने क्लासरूम घोटाले के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है.
AAP Vs BJP: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दोनों ही नेताओं को Anti Corruption Bureau ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के क्लासरूम निर्माण के कथित भ्रष्टाचार मामले में समन भेजा है जिसकी जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को मीडिया को दी. जहां सत्येंद्र जैन से छह जून तो वहीं मनीष सिसोदिया से नौ जून को पूछताछ की जाएगी. बता दें कि ये मामला दिल्ली के स्कूलो में सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर निर्माण के घोटाले से जुड़ा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्कूलों में कक्षा निर्माण का ये घोटाला करीब 2,000 करोड़ रुपये का है.
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह समन 30 अप्रैल को Anti Corruption Bureau द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक कक्षा या सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर के बाद भेजा गया है. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में पिछली AAP सरकार में वित्त और शिक्षा विभाग संभाल चुके सिसोदिया और उस समय लोक निर्माण विभाग और अन्य मंत्रालयों के प्रभारी जैन से केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा कथित तौर पर की गई चूक के संबंध में पूछताछ की जा रही है.
क्या बोली पुलिस?
संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा ने कहा, “सीवीसी के मुख्य तकनीकी परीक्षक की रिपोर्ट में परियोजना में कई विसंगतियों की ओर इशारा किया गया है. कथित तौर पर रिपोर्ट पर करीब तीन साल तक कार्रवाई नहीं की गई.” वर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई. 2019 में भाजपा नेता कपिल मिश्रा, हरीश खुराना और नीलकांत बख्शी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दिल्ली के तीन क्षेत्रों में कक्षाओं के निर्माण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था. शिकायत के अनुसार, प्रति कक्षा औसत लागत 24.86 लाख रुपये आंकी गई थी – जो समान संरचनाओं के लिए अनुमानित 5 लाख रुपये की लागत से काफी अधिक है. अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल जांच चल रही है और जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले के बाद ही राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिलेगा. इससे पहले हुई AAP नेताओं पर कार्रवाई के बाद आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई को बदले की राजनीति से प्रेरित बताया था.
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