मंत्री ने इस मामले में उप वन संरक्षक (डीसीएफ) वाई चक्रपाणि को निलंबित करने की भी सिफारिश की है.समिति 10 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देगी.
Karnataka: कर्नाटक में 5 बाघों की मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया. शासन ने जांच के आदेश देते हुए वन विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने माले महादेश्वर (एमएम) पहाड़ियों में पांच बाघों की मौत में लापरवाही के लिए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. उन्होंने बताया कि मंत्री ने इस मामले में उप वन संरक्षक (डीसीएफ) वाई चक्रपाणि को निलंबित करने की भी सिफारिश की है. 26 जून को एक मादा बाघिन और उसके चार शावक एमएम हिल्स के हुग्याम रेंज में मृत पाए गए थे.
घटना की जांच के लिए समिति गठित
खांडरे ने उप वन संरक्षक के आचरण की विभागीय जांच की भी सिफारिश की है. घटना के बाद पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.मंत्री खांडरे का फैसला अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) कुमार पुष्कर की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा के बाद आया, जिसे घटना की जांच के लिए गठित किया गया था. मंत्री ने समिति को 10 जुलाई तक अपनी अंतिम रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. खांडरे ने कहा कि बाघों की मौत में अधिकारियों द्वारा लापरवाही और कर्तव्य के प्रति लापरवाही के स्पष्ट सबूतों के आधार पर मंत्री ने कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग को डीसीएफ वाई चक्रपाणि को निलंबित करने की सिफारिश की है.
सहायक वन संरक्षक और रेंज वन अधिकारी सस्पेंड
शासन ने संबंधित रेंज के सहायक वन संरक्षक गजानन हेगड़े और रेंज वन अधिकारी मदेश को निलंबित कर दिया है क्योंकि वे गश्ती कर्मचारियों की प्रभावी रूप से निगरानी करने में विफल रहे और वन संरक्षण के अपने मौलिक कर्तव्यों को निभाने में घोर लापरवाही बरती. 30 जून को इन तीन अधिकारियों को अगली सूचना तक अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया था. यह भी आरोप लगाया गया था कि पिछले तीन महीनों से फ्रंटलाइन अनुबंध कर्मचारियों को उनके वेतन या भत्ते का भुगतान नहीं किया गया था, जिससे गश्त गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई थी. मंत्री खांडरे के अनुसार, हालांकि वेतन का भुगतान करने के लिए धनराशि अप्रैल के अंत तक जारी कर दी गई थी, लेकिन भुगतान जून तक विलंबित था.
डीसीएफ के खिलाफ होगी विभागीय जांच
बयान में कहा गया है कि विशेष रूप से डीसीएफ चक्रपाणि द्वारा समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में यह विफलता कर्तव्य की गंभीर लापरवाही के रूप में देखी जाती है, जिसने गश्त गतिविधियों को बाधित किया. मंत्री ने उनके निलंबन और विभागीय जांच की सिफारिश की है. मालूम हो कि 23 जून को अनुबंध कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें दावा किया गया कि उन्हें मार्च से तीन महीने का वेतन नहीं मिला है. प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों की उपेक्षा की, जिससे यह घटना हुई.
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