Aircraft Engine Shut Down: इस साल जनवरी से जुलाई तक भारत में छह विमान इंजन शटडाउन और तीन ‘मेडे कॉल’ की गंभीर घटनाएं दर्ज की गई हैं. इनमें प्रमुख एयरलाइंस जैसे इंडिगो, स्पाइसजेट, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस शामिल हैं.
Aircraft Engine Shut Down: हवाई यात्रा को सबसे सुरक्षित माने जाने वाले साधनों में गिना जाता है, लेकिन हालिया आंकड़े इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रहे हैं. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने खुलासा किया है कि इस साल अब तक देश में छह बार विमानों के इंजन अचानक बंद हुए हैं और तीन बार पायलटों को जानलेवा संकट की स्थिति में ‘मेडे कॉल’ देना पड़ा है.लगातार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों और आपात स्थितियों की संख्या नागरिक उड्डयन तंत्र की निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती है. विशेषज्ञों की मानें तो भविष्य में हवाई यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई बेहद जरूरी है.
कौन-कौन सी एयरलाइंस रहीं प्रभावित
राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो और स्पाइसजेट में दो-दो बार इंजन शटडाउन की घटनाएं हुईं, जबकि एयर इंडिया और अलायंस एयर में एक-एक बार ऐसा मामला सामने आया. वहीं, तीन मेड-डे कॉल की घटनाओं में एयर इंडिया, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस शामिल हैं. सबसे गंभीर घटना 12 जून को हुई, जब अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के तुरंत बाद एक इमारत से टकरा गई.
क्या होता है ‘मेडे कॉल’?
जब कोई विमान जानलेवा संकट में होता है और तत्काल मदद की आवश्यकता होती है, तो पायलट तीन बार “May Day” कहकर एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचित करता है. यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त आपात संकेत है, जिसे तब इस्तेमाल किया जाता है जब विमान की सुरक्षा खतरे में होती है.
एयर इंडिया हादसे की जांच जारी
एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के संबंध में मंत्री ने बताया कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को एक प्राथमिक रिपोर्ट जारी की है, लेकिन यह सिर्फ तथ्यों पर आधारित है. जांच अभी भी जारी है और इसमें किसी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा गया है. इस सवाल पर कि क्या सरकार इस दुर्घटना की जांच किसी साजिश के दृष्टिकोण से भी कर रही है, मंत्री मोहोळ ने कहा कि “हर पहलू की जांच की जा रही है ताकि दुर्घटना के संभावित कारणों या सहायक कारकों का पता लगाया जा सके.”
2022 से अब तक कुल 36 दुर्घटनाएं
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 2022 से अब तक कुल 36 हवाई दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें 2 शेड्यूल्ड विमानों, 2 नॉन-शेड्यूल्ड विमानों, 19 प्रशिक्षण विमानों, 2 प्राइवेट विमानों और 11 हेलीकॉप्टरों की घटनाएं शामिल हैं.
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारत में हवाई सुरक्षा को लेकर चुनौतियां बनी हुई हैं. लगातार हो रही तकनीकी गड़बड़ियों और आपात स्थितियों की संख्या नागरिक उड्डयन तंत्र की निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती है. विशेषज्ञों की मानें तो भविष्य में हवाई यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई बेहद जरूरी है.
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