केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों पर कड़े एक्शन की बात कही है. अमित शाह ने कहा कि मॉनसून के दौरान भी उन पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
Amit Shah: नक्सलियों पर केंद्र का कड़ा एक्शन जारी है. इस बीच केंद्र ने नक्सलियों पर कार्रवाई तेज करने की बात कही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नक्सलियों को खुली चुनौती दी. अमित शाह ने रविवार को कहा कि नक्सलियों को मॉनसून में भी चैन नहीं मिलेगा, क्योंकि उनके खिलाफ अभियान बारिश में भी जारी रहेगा. उन्होंने माओवादियों से हथियार डालने और विकास की यात्रा में शामिल होने की अपील की और किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया. दरअसल, अमित शाह छत्तीसगढ़ के न्यू रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) परिसर और एक केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की आधारशिला रखने पहुंचे थे. कार्यक्रम में शामिल हुए अमित शाह ने लोगों को भी संबोधित किया. संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, “हर बार बरसात के मौसम में नक्सलियों को चैन मिलता था (क्योंकि उफनती नदियां घने जंगलों में नक्सल विरोधी अभियानों में बाधा डालती हैं), लेकिन इस बार हम उन्हें मॉनसून में सोने नहीं देंगे और हम 31/3 (नक्सलवाद को खत्म करने के लिए 2026) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे बढ़ेंगे.”
अमित शाह ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने और “लाभदायक” आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने कहा, “हथियार डालो और विकास की यात्रा में शामिल हो जाओ, बातचीत की कोई जरूरत नहीं है. बस सशस्त्र संघर्ष छोड़ो और मुख्यधारा में शामिल हो जाओ. मैं उन सभी का तहे दिल से स्वागत करता हूं जिन्होंने अपने हथियार डाल दिए हैं और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र ने उनसे जो भी वादे किए हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा और हम आपकी और भी मदद करने की कोशिश करेंगे.”
पीएम मोदी के विजन को दोहराया
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी के विजन को पर भी बात की. इसके साथ ही उन्होंने विकसित राष्ट्र का राग भी अलापा. अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए बहुत स्पष्ट है. यह केवल नवाचार, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक और आर्थिक विकास पर केंद्रित नहीं है, बल्कि समय पर न्याय सुनिश्चित करना भी शामिल है और तीन नए कानून (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम) समय पर न्याय सुनिश्चित करने में मदद करेंगे.” बता दें कि लगातार छत्तीसगढ़ समेत अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान चलाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से की बात, यूएस हमले के बाद क्षेत्रीय तनाव पर चर्चा