Aravalli New Mining Banned: अरावली पर्वतमाला को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच केंद्र सरकार ने अरावली रेंज में नया खनन पट्टा देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.
25 December, 2025
Aravalli New Mining Banned: अरावली पर्वतमाला को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच केंद्र सरकार ने अरावली रेंज में नया खनन पट्टा देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. पिछले कुछ दिनों से अरावली को बचाने की मुहिम भी कई राज्यों में चलाई जा रही है और इस पूरे मसले पर सियासत ने भी जोर पकड़ा है. अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा को लेकर आलोचनाओं से घिरी केंद्र सरकार ने अब इसके संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा है कि अब अरावली क्षेत्र में नए खनन की इजाजत नहीं दी जाएगी.
नए माइनिंग पर लगा प्रतिबंध
नए फैसले के तहत राज्यों को अरावली क्षेत्र में किसी भी नए माइनिंग लीज के आवंटन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इस फैसले का असर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैले अरावली क्षेत्र पर पड़ेगा. मंत्रालय ने कहा है कि जब तक एक साइंटिफिक और कंजर्वेशन-ओरिएंटेड मैनेजमेंट प्लान तैयार नहीं हो जाता, तब तक अरावली रेंज में कोई नई माइनिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी.
मंत्रालय के असिस्टेंट कमिश्नर, जितेश कुमार ने इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (ICFRE) के डायरेक्टर जनरल को एक लेटर भी लिखा है, जिसमें कोर्ट के निर्देशों के अनुसार अरावली रेंज के लिए सस्टेनेबल माइनिंग (MPSM) के लिए एक मैनेजमेंट प्लान तैयार करने का अनुरोध किया गया है. लेटर में प्रतिबंधित क्षेत्रों और माइनिंग के लिए उपयुक्त अतिरिक्त क्षेत्रों की पहचान करने के लिए भी कहा गया है.
आलोचना के बाद लिया गया फैसला
अरावली पर छिड़ी आर पार की जंग के बीच विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोल रखा है. कॉंग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि अरावली के पहाड़ों की बचाने की जगह बेचा जा रहा है ये महज डेमेज कंट्रोल की कोशिश है. इसी तरह सोशल मीडिया पर अरावली को बचाने के लिए कैंपेन चलाए गए. सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स ने सरकार की आलोचना की, जिसके बाद पर्यावरण मंत्री को इस पर जवाब देना पड़ा और केंद्र सरकार ने नई माइनिंग को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया.
अरावली का महत्व
अरावली पर्वत श्रृंखला को उत्तर-पश्चिम भारत की दीवार माना जाता है. यह थार रेगिस्तान को पूर्व की ओर बढ़ने से रोकती है. यह भूजल रिचार्ज करने में अहम भूमिका निभाती है और दिल्ली एनसीआर को धूल भरी आंधियों से बचाती है. अगर अरावली खत्म हुई, तो दिल्ली और आसपास का इलाका रेगिस्तान में बदल सकता है. जो लोग अरावली बचाव मुहिम से जुड़े हैं उनका मानना है कि सरकार के इस फैसले में कुछ नया नहीं है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ही पालन किया है.
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