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कौन हैं लाल सूट वाले सांता, क्या सच में बच्चों को देते हैं तोहफे, जानें क्रिसमस की पूरी कहानी

by Neha Singh
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Who Was Santa Claus

Who Was Santa Claus: क्रिसमस पर बच्चे सांता क्लॉज के आने का इंतजार करते हैं. आज हम आपको बताएंगे क्रिसमस की पूरी कहानी क्या है और सांता क्लॉज कौन थे.

25 December, 2025

Who Was Santa Claus: आज दुनियाभर में क्रिसमस का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. बाजार क्रिसमस ट्री और लाल सूट से सज गए हैं. बेकरी पर सैंटा वाले केक बन रहे हैं. ऑफिस में सीक्रेट सैंटा का गेम खेला जा रहा है और बच्चे छोटे-छोटे सांता क्लॉज बनकर घूम रहे हैं. कुल मिलाकर अब क्रिसमस का त्योहार सिर्फ ईसाई धर्म तक सीमित नहीं रहा है. क्रिसमस पर बच्चों में बहुत ही उत्साह होता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि रात में सांता क्लॉज आकर उन्हें गिफ्ट देंगे. आपने भी बचपन में सांता से कोई गिफ्ट जरूर मांगा होगा. क्या आपने सोचा है कि ये सांता क्लॉज हैं कौन और इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुई. क्या वो सच में बच्चों को गिफ्ट देते हैं. आज हम आपको बताएंगे क्रिसमस की पूरी कहानी क्या है और सांता क्लॉज कौन थे.

क्यों मनाया जाता है क्रिसमस डे

ईसाई धर्म के अनुसार, 25 दिसंबर के दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. उन्हें ईश्वर का पुत्र कहा जाता है. इसलिए क्रिसमस पर ईसा मसीह का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है. दुनियाभर के चर्च में सजावट की जाती है. लोग प्रेयर करते हैं और टेस्टी केक खाते हैं. इस दिन लोग एक दूसरे को गिफ्ट भी देते हैं.

christmas day history

कौन थे सांता क्लॉज

सांता क्लॉज का असली नाम सेंट निकोलस था. उनका जन्म 280 ईसवी में तुर्कमेनिस्तान के पातारा शहर में हुआ था. वो असल में बहुत खुशमिजाज इंसान थे. उनकी ईश्वर में गहरी आस्था थी. बचपन में उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी, लेकिन फिर भी वे जीसस की भक्ति में डूबे रहे. वे पहले पादरी बने और बाद में बिशप बन गए थे. उन्हें बच्चों के साथ खेलना और उन्हें गिफ्ट्स देना पंसंद था. उन्होंने अपनी सारी संपत्ति गरीबों की मदद करने में खर्च कर दी थी.

कैसे शुरू हुई गिफ्ट देने की परंपरा

ईसाई धर्म की कथा के अनुसार, उन्होंने एक गरीब की मदद करने के लिए सोने के सिक्कों से भरी थैली छुपके से उसके घर की चिमनी से डाली थी. इसी घटना के बाद से घरों के बाहर मोजे लटकाने और गिफ्ट देने की परंपरा शुरू हुई. माना जाता है कि वे गरीब और जरूरतमंद बच्चों को छुपाकर गिफ्ट दिया करते थे. वह लाल सूट पहनकर अपने बारहसिंगा रुडोल्फ पर बैठकर रात को गिफ्ट बांटने के लिए जाते थे. उनकी मृत्यु 6 दिसंबर को 343 ईसवी में हुई थी. निकोलस को डच भाषा में सिंटरक्लास कहा जाता था, जिससे उनका नाम सांता क्लॉज पड़ गया. आज भी सांता क्लॉज का इंतजार करते हैं.

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