Constitution Murder Day : आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला लिया है. साथ ही केंद्र का कहना है कि इस दौरान लोगों के अधिकारों को छीन लिया गया था.
Constitution Murder Day : 25 जून वह तारीख जब आज से 50 साल पहले देश में आपातकाल लगाया गया था और इस दिन के बाद देश में 18 महीने तक लोगों संविधान में दिए मौलिक अधिकार सिर्फ कागजी दस्तावेजों में दफन कर दिया गया था. इसी कड़ी में 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र की मोदी सराकार ने इमरजेंसी को ‘संविधान हत्या दिवस’ (Constitution Murder Day) के रूप में बनाने का एलान किया है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया है, ताकि लोगों पर किए गए अत्याचारों को उजागर किया जा सके.
डेमोक्रेसी की रक्षा करना देश के नागरिक का कर्तव्य
किरेन रिजिजू ने मीडिया कांफ्रेंस के दौरान कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इस डेमोक्रेसी की रक्षा करने हर एक देशवासी का कर्तव्य है. वहीं, केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जिन लोगों ने संविधान की हत्या की, वे लोग हर जगह इसकी प्रति लेकर घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि 25 जून, 1975 की रात में देश में इमरजेंसी लगाई गई थी, जिसके बाद देश में मीडिया का गला घोंटने का काम किया था और संविधान में दिए गए लोगों के अधिकारों को छीन लिया गया. आपको बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर आए रिजिजू ने अघोषित आपातकाल के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप लगाने वाले लोग सुबह से देर रात तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को कोसते रहते हैं. रिजिजू ने बताया कि पूरी दुनिया में भारत एकमात्र देश है जहां पर लोगों को इतनी आजादी है.
अमिता शाह ने आपातकाल पर कांग्रेस को घेरा
वहीं, उन्होंने मणिपुर के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य पिछले 50 वर्षों से जातीय संघर्षों से जूझ रहा है. अब प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की तरफ से प्रयासों की वजह से हालात पटरी पर लौट रहे हैं. किरेन रिजिजू ने एक सवाल का जवाब देते हुए कि कांग्रेस सरकार का हिमाचल प्रदेश में केंद्र वित्तीय सहायता रोक रही है कहा कि यह सब राजनीति से प्रेरित है क्योंकि विकास हर जगह दिख रहा है, हर गांव में सड़कों की पहुंच हो रही है और हर घर में बिजली-पानी की व्यवस्था की जा रही है. बता दें कि 50वीं वर्षगांठ पर अमित शाह ने कहा कि एक व्यक्ति की लोकतांत्रिक विरोधी मानसिकता ने देश में आपातकाल लगा दिया था. इस दौरान आम नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए थे और प्रेस की आजादी घुटने पर ला दी गई थी.
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