मंत्री शेलार ने बताया कि मुंबई की मौजूदा जल निकासी प्रणाली 55 मिमी प्रति घंटे तक की बारिश को संभालने के लिए डिजाइन की गई है.
Mumbai: बारिश में मुंबई के लोग अब परेशान नहीं होंगे. महाराष्ट्र सरकार लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नया मास्टर प्लान बना रही है. महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने गुरुवार को कहा कि मुंबई में जल्द ही 100 मिलीमीटर प्रति घंटे से अधिक बारिश को संभालने के लिए एक नया जल निकासी मास्टर प्लान होगा. बाढ़ की स्थिति और जल निकासी उपायों पर मंत्री शेलार ने बताया कि महानगर में चार नए पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. शेलार ने बताया कि मुंबई की मौजूदा जल निकासी प्रणाली 55 मिमी प्रति घंटे तक की बारिश को संभालने के लिए डिज़ाइन की गई है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण देगा धन
कहा कि तेज बारिश के मद्देनजर 100 मिमी प्रति घंटे से अधिक बारिश को संभालने के लिए एक नया और अलग मास्टर प्लान बनाया जाएगा. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अतिरिक्त धन मुहैया कराएगा. मालूम हो कि 2017 में मुंबई में 26 दिनों तक भारी बारिश हुई थी. 2024 में यह 21 दिन हुई थी. बीएमसी के अनुसार, शहर में सालाना औसतन 16 से 20 दिन भारी बारिश होती है, इनमें से कुछ दिनों में एक घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश होती है. 2014 से 2019 तक बारिश 131 मिमी/घंटा पर चरम पर रही और 19 मई को यह 182 मिमी/घंटा तक पहुंच गई. 26 जुलाई 2005 को शहर में 16 घंटों में लगभग 1,000 मिमी बारिश हुई. औसतन 139 मिमी/घंटा, जो उच्च ज्वार के साथ मिलकर भयंकर बाढ़ का कारण बनी.
बनेंगे चार नए पंपिंग स्टेशन
मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में भी एक घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश होना आम बात हो गई है. जब इतनी भारी बारिश उच्च ज्वार के साथ होती है, तो जल निकासी असंभव हो जाती है, जिससे मुंबई को बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. 26 जुलाई, 2005 की जलप्रलय से पहले मुंबई के तूफानी नालों की क्षमता 25 मिमी/घंटा थी. चितले समिति की सिफारिशों के बाद इसे बढ़ाकर 55 मिमी/घंटा कर दिया गया था. हालांकि अब बारिश अक्सर 100 मिमी/घंटा से अधिक हो जाती है, इसलिए क्षमता में और वृद्धि आवश्यक है. उन्होंने कहा कि बीएमसी चार नए पंपिंग स्टेशन बनाने की योजना बना रही है. वर्तमान में मुंबई में नौ छोटे पंपिंग स्टेशन हैं. महाराष्ट्र नगर और धारावी टी-जंक्शन पर दो और स्थापित किए जाने हैं. छह बड़े पंपिंग स्टेशन हैं और मोगरा और माहुल में दो अतिरिक्त पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
केंद्र सरकार ने दिए बीएमसी को 500 करोड़ रुपये
शेलार ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मुंबई में बार-बार आने वाली बाढ़ की समस्या को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि पहले चरण में केंद्र सरकार ने तत्काल बाढ़-शमन उपायों को लागू करने के लिए बीएमसी को 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. एनडीएमए ने बीएमसी को शहर के बाढ़ क्षेत्रों के वास्तविक समय के आकलन के आधार पर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि बीएमसी द्वारा तैयार मसौदा योजना वर्तमान में आईआईटी के एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा समीक्षाधीन है. मंत्री ने कहा कि बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की जा रही है, जहां प्रति घंटे 100 मिमी से अधिक बारिश को संभालने के लिए उन्नत जल निकासी बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा.
एक महीने में तैयार होगी अंतिम रिपोर्ट
कहा कि आईआईटी मुंबई की सहायता से एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इस परियोजना पर लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. शेलार ने कहा कि अपनी जापान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मुंबई के लिए उस देश की जल निकासी तकनीकों को अपनाने की योजना की घोषणा की थी. इसे ध्यान में रखते हुए बीएमसी इस तरह के नवाचारों को नए मास्टर प्लान में एकीकृत कर रही है. अधिकारियों को रेलवे, मेट्रो रेल और एमएमआरडीए के समन्वय में इस व्यापक योजना को तैयार करने का निर्देश दिया गया है. शेलार ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट अगले एक महीने के भीतर पूरी हो जाएगी.
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