ED Summon Anil Ambani: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को 17,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड केस को लेकर समन किया है.
ED Summon Anil Ambani: रिलायंस ग्रुप के मालिक अनिल अंबानी को ED ने समन किया है. 17 हजार करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड केस में उन्हें समन जारी किया गया है. ED ने उन्हें 5 अगस्त को दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है. इस मामले में पिछले हफ्ते प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दिल्ली से लेकर मुंबई तक रिलायंस ग्रुप से जुड़े लगभग 40 से लेकर 50 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. इन छापेमारियों के दौरान कई दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूत मिले थे.
जांच एजेंसी का दावा
आपको बता दें कि इसके पहले SEBI ने कथित तौर पर 10 हजार करोड़ रुपये के फंड डायवर्जन को लेकर अपनी जांच रिपोर्ट ED और दो अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों को सौंपी थी. ऐसे में ये आरोप लगाया गया था कि लोन की राशि को दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया गया और उसका उपयोग सही काम के लिए नहीं किया गया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है. जांच एजेंसी ने इस बात का दावा किया है कि यस बैंक से रिलायंस ग्रुप की कई कंपनियों ने बिना किसी पर्याप्त गारंटी के बड़े लोन लिए और उन पैसों को शेल कंपनियों के जरिए दूसरे कामों में खर्च कर दिए. हालांकि, इस मामले में CBI की ओर से पहले ही दो FIR दर्ज किए हुए हैं.
इन बड़ी कंपनियों ने दी जानकारी
इस मामले में SEBI, राष्ट्रीय आवास बैंक, NFRA और Bank of Baroda जैसे बड़े कंपनियों ने ED को अहम जानकारी साझा की हैं. SEBI ने RHFL से जुड़े एक ऐसे बड़े मामले को लेकर जानकारी साझा की गई है जिसमें एक ही साल में कंपनी ने कॉरपोरेट लोन को 3742 करोड़ से बढ़ाकर 8670 करोड़ कर दिया.
रिलायंस ने दिया बयान
बैंक से जुड़े इस आरोपों के बाद रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनका रिलायंस कम्युनिकेशंस या RHFL के साथ कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी इन कंपनियों के बोर्ड में शामिल नहीं हैं. लेकिन, बावजूद इसके SBI ने अनिल अंबानी और आरकॉम को फ्रॉड घोषित किया है.
50 जगहों पर रेड
केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस पूरे मामले को देखते हुए 50 जगहों पर रेड मारा था. इस जांच में कई बड़े खुलासे भी हुए जिन्हें लेकर अभी भी जांच की जा रही है. जांच में इस बात का भी मालूम चला है कि बिना क्रेडिट एनालिसिस के ही बड़े निवेश किया गया है.
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