Home राष्ट्रीय किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च आज दिल्ली बार्डर पर सुरक्षा चाक-चौबंद

किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च आज दिल्ली बार्डर पर सुरक्षा चाक-चौबंद

by Farha Siddiqui
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किसानों का दिल्ली चलो मार्च आज दिल्ली बार्डर पर सुरक्षा चाक चौबंद, पंजाब हरियाणा की सीमाएं सील

13 February 2024

पंजाब-हरियाणा की सीमाएं सील

आज किसानों के “दिल्ली चलो” मार्च के मद्देनज़र दिल्ली की तमाम सामाओं को सील कर दिया गया है। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने समेत अपनी कईं मांगों को लेकर दो केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसान आज दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। जिसको देखते हुए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतज़ाम किए गए है।

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने ऐलान किया है कि किसान फसलों की एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए आज दिल्ली कूच करेंगे। किसानों ने आज सुबह 10 बजे से मार्च शुरू करने का ऐलान किया था। किसानों की अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और दबवाली सीमाओं से दिल्ली की तरफ कूच करने की योजना है।

आपको बता दें कि सोमवार देर रात केंद्र सरकार के साथ पांच घंटे से ज्यादा वक्त तक चली दूसरे चरण की बैठक में कुछ खास नतीजा नहीं निकला। जिसके बाद किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है। हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं।

हालांकि, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है और सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि बाकी मुद्दों को एक समिति के गठन के जरिए सुलझाया जाए।

उन्होंने कहा, “सरकार हमेशा चाहती है कि हम हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझा सकें। हम अब भी आशान्वित हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं।”

ये बैठक देर रात तक चली। सूत्रों ने बताया कि बैठक में केंद्र सरकार ने 2020-21 के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने पर सहमति जताई है। जबकि किसान नेता फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून को बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

सुरक्षा के चाक चौबंद इंतज़ाम

किसानों के मार्च को देखते हुए उन्हें रोकने की खास तैयारियां की गई है। हरियाणा में अधिकारियों ने कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटीली तारों का इस्तेमाल कर अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा में कई जगहों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। हरियाणा सरकार ने 15 जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू कर दी है। जिसके तहत 5 या उससे ज्यादा लोगों के इकठ्ठा होने और ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ किसी भी तरह के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है।

हरियाणा में अर्द्धसैन्य कर्मियों की 64 कंपनियां और हरियाणा पुलिस की 50 कंपनियों को अलग अलग जिलों में तैनात किया गया है। ये कर्मी दंगा-रोधी वर्दी पहने हुए हैं। इन्हें सीमाओं और संवेदनशील जिलों में तैनात किया गया हैं।

दिल्ली पुलिस की तैयारी

दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को देखते हुए बड़े पैमाने पर तनाव और ‘‘सामाजिक अशांति’’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है।

वाहनों को शहर में एंट्री से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कंक्रीट के अवरोधक और सड़क पर बिछाए जाने वाले लोहे के नुकीले अवरोधक लगाकर किलेबंदी कर दी गयी है। इसकी वजह से दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर भी काफी असर पड़ा जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में एंट्री करने से रोकने के लिए हरियाणा की सीमा से लगती ग्रामीण सड़कों को भी सील कर दिया है। दिल्ली-रोहतक और दिल्ली-बहादुरगढ़ मार्गों पर अर्द्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है। दिल्ली में जारी एक परामर्श के मुताबिक सोमवार से सिंघू सीमा पर कमर्शियल वाहनो पर पाबंदियां लगा दी गई थी और आज से सभी तरह के वाहनों पर पाबंदियां लागू है।

विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने 5,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है, जबकि सड़कों को ब्लॉक करने के लिए क्रेन और अन्य भारी वाहनों को तैनात किया गया है।

गौरतलब है कि किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

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