Home Top News हिमाचल में भारी बारिश से तबाहीः तंगलिप्पी और कंगारंग पुल बहा, हजारों लोग फंसे, स्कूल-कॉलेज बंद

हिमाचल में भारी बारिश से तबाहीः तंगलिप्पी और कंगारंग पुल बहा, हजारों लोग फंसे, स्कूल-कॉलेज बंद

by Sanjay Kumar Srivastava
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flood in himachal

भारी बारिश के कारण किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग पर भारी तबाही मच गई, जिसके कारण यात्रा स्थगित कर दी गई. मंगलवार रात से कसौली में 145 मिमी, धर्मपुर में 122.8 मिमी बारिश हुई.

Heavy rain in Himachal: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बुधवार को चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 617 सड़कें और शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए. मंगलवार रात हुई बारिश के कारण किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग पर भारी तबाही मच गई, जिसके कारण यात्रा स्थगित कर दी गई. मंगलवार रात से कसौली में 145 मिमी, धर्मपुर में 122.8 मिमी, गोहर में 120 मिमी, मालरांव में 103.2 मिमी, बग्गी में 95.9 मिमी, नगरोटा सूरियां में 93.4 मिमी, धौलाकुआं में 67 मिमी, नैना देवी में 86.4 मिमी, सुंदरनगर में 80.3 मिमी, कांगड़ा में 71.4 मिमी, बिलासपुर में 70.4 मिमी और मंडी में 65.8 मिमी बारिश हुई है. जबकि धर्मशाला में 64 मिमी और शिमला में 64.4 मिमी बारिश हुई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि बुधवार को चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 617 सड़कें कट गईं. इनमें से 377 मंडी जिले में हैं, जो हाल ही में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित हुआ था और 90 कुल्लू जिले में हैं.

चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग बंद

चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 21), पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत रोड (एनएच 05), मंडी-धरमपुर (एनएच 3) और औट-सैंज रोड (एनएच 305) भूस्खलन के बाद वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग, जो सोलन जिले में कोटी के पास चक्की मोड़ पर अवरुद्ध था, वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है. कई जगहों पर सड़कें बंद होने से ट्रैफिक जाम होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. शिमला जिले के सुन्नी, कुमारसेन, चौपाल, डोडरा क्वार, जुब्बल, ठियोग और रामपुर उपखंडों, मंडी जिले के करसोग और सुंदरनगर, कुल्लू जिले के निरमंड और सोलन जिले के कुछ उपखंडों में स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी सहित शैक्षणिक संस्थान बंद रहे. किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के कारण बड़े- बड़े चट्टान गिरने से मार्ग बंद हो गया. जिससे किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित कर दी गई. अधिकारियों के अनुसार, नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ने के कारण तंगलिप्पी और कंगारंग के पुल बह गए हैं. अधिकांश ट्रैकिंग पथ या तो खतरनाक रूप से फिसलन भरे हो गए हैं या भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं, जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित

मार्ग पर मौजूद तीर्थयात्रियों को मिलिंग खता और गुफा में सुरक्षित रूप से ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. बताया जाता है कि किन्नौर कैलाश भगवान शिव का शीतकालीन निवास माना जाता है. यह 19,850 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यात्रा 15 जुलाई को शुरू हुई थी और 30 अगस्त तक जारी रहनी थी. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) के अधिकारियों ने लोगों को अगले दो-तीन दिनों तक जलस्रोत पर अत्यधिक गंदलेपन के कारण जलापूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी है. 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश को कुल 1,852 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में लगभग 108 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लापता हैं. एसईओसी ने कहा कि इसके अतिरिक्त 1,491 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 265 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. राज्य में 1,738 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जहां अब तक 55 बाढ़, 28 बादल फटने और 48 बड़े भूस्खलन हुए हैं.

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