INS Sandhyayak reached Malaysia: भारत का स्वदेशी रूप से निर्मित हाइड्रोग्राफिक सर्वे जहाज INS संध्यायक मलेशिया के पोर्ट क्लांग पर पहुंचा, जिससे क्षेत्रीय समुद्री साझेदारी को मजबूती मिलेगी.
INS Sandhyayak reached Malaysia: भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी डिज़ाइन और निर्मित हाइड्रोग्राफिक सर्वे जहाज INS संध्यायक अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर मलेशिया के पोर्ट क्लांग पहुंचा है. यह यात्रा 16 जुलाई से 19 जुलाई तक चलेगी, जिसका उद्देश्य भारत और मलेशिया के बीच समुद्री व हाइड्रोग्राफिक सहयोग को प्रोत्साहित करना है.
MAHASAGAR विजन के तहत समुद्री संबंधों को मजबूती
यह दौरा भारत की क्षेत्रीय समुद्री साझेदारी को मजबूती देने की नीति MAHASAGAR (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) के तहत किया गया है. इस विज़न का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, सुरक्षा और सतत विकास को बढ़ावा देना है. INS संध्यायक की यह यात्रा इस विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

समुद्री सर्वेक्षण का आधुनिक प्रतीक
फरवरी 2024 में नौसेना में शामिल किए गए INS संध्यायक में तटीय और गहरे समुद्री क्षेत्रों में सर्वेक्षण करने की पूर्ण क्षमता है. यह जहाज़ महासागरीय आंकड़े एकत्र करने, सर्च एंड रेस्क्यू (SAR) मिशन और मानवीय राहत अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है. इसमें एक हेलिकॉप्टर डेक और अत्याधुनिक अस्पताल सुविधाएं भी मौजूद हैं.
तकनीकी सहयोग और ज्ञान साझा करने पर ज़ोर
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच तकनीकी आदान-प्रदान, हाइड्रोग्राफिक जानकारी साझा करने, और संस्थागत सहयोग को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जा रहा है. इसमें विशेष रूप से ज्ञानवर्धक सत्र, आधिकारिक स्वागत समारोह और मैत्रीपूर्ण कार्यक्रम शामिल हैं, जो अंतरराष्ट्रीय सद्भाव और भारत के MAHASAGAR विज़न के प्रति जागरूकता बढ़ाएंगे.
भारत की क्षेत्रीय नेतृत्व भूमिका को नई धार

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि INS संध्यायक की यह यात्रा इंडियन नेवल हाइड्रोग्राफिक डिपार्टमेंट (INHD) और नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस के तहत क्षेत्रीय समुद्री क्षमता निर्माण में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है. यह भारत की इस प्रतिबद्धता को दोहराता है कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, सुरक्षा और विकास को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
समुद्री कूटनीति की ओर एक और मजबूत कदम
INS संध्यायक की मलेशिया यात्रा सिर्फ एक तकनीकी दौरा नहीं बल्कि भारत की समुद्री कूटनीति का प्रतीक है. यह यात्रा न केवल मलेशिया के साथ रिश्तों को मजबूत बनाएगी, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सकारात्मक और सहयोगी भूमिका को और मज़बूती देगी.
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