Home Latest News & Updates “जब लक्ष्मण रेखा लांघी गई तब जली लंका” पाक को लेकर रिजिजू ने किया ट्वीट, गरमाया संसद का माहौल

“जब लक्ष्मण रेखा लांघी गई तब जली लंका” पाक को लेकर रिजिजू ने किया ट्वीट, गरमाया संसद का माहौल

by Jiya Kaushik
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Kiren Rijiju Tweet

Kiren Rijiju Tweet: लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आज 16 घंटे की बड़ी बहस, विपक्ष और सरकार आमने-सामने. इसी बीच किरेन रिजिजू का एक ट्विट चर्चा का विषय बन गया है. जाने क्या है पूरा मसला.

Kiren Rijiju Tweet: आज (28 जुलाई 2025) संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर खास चर्चा होने जा रही है. ये सैन्य कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई थी. बहस से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के ट्वीट ने सियासी माहौल को और गरमा दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को रावण और भारत की सैन्य कार्रवाई को ‘लंका दहन’ की संज्ञा दी.

“रेखा लांघोगे तो लंका कि तरह जलना तय है”-रिजिजू का सख्त संदेश

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जब रावण ने लक्ष्मण रेखा लांघी, लंका जल गई. जब पाकिस्तान ने भारत की रेड लाइन पार की, तो आतंकी कैंपों पर कहर टूटा.” उन्होंने विपक्ष को भी चेतावनी दी कि वे ‘पाकिस्तान की भाषा’ न बोलें और ऐसा कोई बयान न दें जिससे दुश्मन भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला सके. चर्चा के दौरान उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी.

राजनाथ सिंह करेंगे बहस की शुरुआत

दोपहर 12 बजे से शुरू हो रही इस 16 घंटे लंबी बहस में सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने इससे पहले सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव के साथ कई रणनीतिक बैठकें की हैं. पीएम मोदी के भी ऑपरेशन की रणनीति और भारत की सैन्य क्षमता पर बोलने की संभावना जताई जा रही है.

चिदंबरम का बयान बना विपक्ष

पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक इंटरव्यू में सवाल उठाए कि ‘क्या हमले में शामिल आतंकी सच में पाकिस्तान से आए थे?’, जिससे सियासी पारा चढ़ गया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पारदर्शिता से ऑपरेशन का विवरण नहीं दे रही. भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर देशविरोधी ताकतों को बल देने का आरोप लगाया.

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस

6-7 मई की रात भारतीय सेना द्वारा चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ 22 मिनट में पूरा हुआ, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए. इसे पीएम मोदी ने ‘विजय उत्सव’ बताया और स्वदेशी सैन्य तकनीक की बड़ी सफलता करार दिया.

संसद की बहस केवल एक सैन्य कार्रवाई पर नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा नीति, राजनीतिक जवाबदेही और आंतरिक एकता की परीक्षा भी है. ‘लक्ष्मण रेखा’ और ‘लंका दहन’ जैसी उपमाएं अब सिर्फ कविता नहीं, बल्कि भारत की सैन्य नीति का हिस्सा बन चुकी हैं.

यह भी पढ़ें: लोकसभा में आज ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गरमाएगा सियासी तापमान; राजनाथ के हाथ कमान

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