Attack on CJI Gavai : सीजेआई बीआर गवई पर कोर्ट में हमले को लेकर देश भर के नेताओं ने दलगत राजनीति से उठकर आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्यों का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है.
Attack on CJI Gavai : भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (CJI (BR Gavai) पर कोर्ट में एक वकील ने जूता उछालने की कोशिश की और इस पर देश भर से प्रतिक्रिया सामने आई. इसी बीच अभी तक पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने दलगत राजनीति से उठकर इस हमले की निंदा की और इसे लोकतंत्र और संविधान पर खुला हमला बताया. 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने अदालती कार्यवाही के दौरान कथित रूप से हमला करने की कोशिश की, लेकिन सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि वकील के पास से एक नोट मिला है जिस पर सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान लिखा है. वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने (BCI) ने तत्काल प्रभाव से उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया है.
घटना से भारतीय क्षुब्ध : PM मोदी
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को न्यायाधीश गवई से बात की और कहा कि उन पर हुए हमले से भारतीय क्षुब्ध है. पीएम मोदी ने सीजेआई द्वारा प्रदर्शित शांति की सराहना करते हुए कहा कि हमारे समाज में इस तरह के निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है और यह निंदनीय घटना है. वहीं, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने सीजेआई गवई को महाराष्ट्र का गौरव बताया और कहा कि वकील द्वारा उन पर हमला करने का प्रयास निंदनीय है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि न्यायपालिका या न्यायाधीशों पर हमला लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर हमला है. हमारे लोकतंत्र में ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है.
महाराष्ट्र में हुआ घटना का विरोध
NCP (SP) ने मंगलवार को मुबंई और महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. विपक्षी दल बारामती में भी पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के नेतृत्व में इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके अलावा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तख्तियां हाथ में लेकर बाबासाहेब आंबेडकर और संविधान की जय-जयकार करते हुए नारे लगाए. उन्होंने कहा कि यह हमला सीजेआई पर नहीं है, बल्कि भारतीय संविधान पर किया गया है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने वकील के कृत्य को निंदनीय करार दिया और कहा कि विरोध व्यक्त करने के कई अन्य तरीके हैं.
लोकतंत्र की आत्मा पर हमला : हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हमले की निंदा की और इस घटना को लोकतंत्र की आत्मा पर हमला बताया. उन्होंने कहा कि यह हमला देश के संविधान पर हाथ उठाने जैसा है. वहीं, RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ BJP पर इस घटना पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना नफरत और हिंसा के सामान्यीकरण का नतीजा है, जिसे साल 2014 से पाला जा रहा था.
सभ्य में समाज में नहीं ऐसे कृत्यों का कोई स्थान
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम हमले पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए फूट-फूट कर रो पड़े. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटना में आरएसएस की विचारधारा की बू आ रही है. उन्होंने रोते हुए कहा कि जीवन भर की मेहनत से सबसे सम्मानजनक संवैधानिक पदों पर पहुंचने के बाद भी दलितों को स्वीकार्यता नहीं मिलती है. वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई पर उनके न्यायालय कक्ष में हुए हमले की कड़ी निंदा की. वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घटना को अस्वीकार्य बताया और कहा कि सभ्य और लोकतांत्रिक समाज में इस तरह के कृत्यों का कोई स्थान नहीं है.
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