Home Top News कर्तव्य भवन आधुनिक बदलाव की शुरुआत, लोगों को मिला पारदर्शी और संवेदनशील शासनः मोदी

कर्तव्य भवन आधुनिक बदलाव की शुरुआत, लोगों को मिला पारदर्शी और संवेदनशील शासनः मोदी

by Sanjay Kumar Srivastava
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार देशभर में बुनियादी ढांचे के पुनरुद्धार के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है.

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार देशभर में बुनियादी ढांचे के पुनरुद्धार के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत में पिछले 11 वर्षों में एक ऐसा शासन मॉडल देखने को मिला है जो पारदर्शी, संवेदनशील और नागरिक केंद्रित है. कर्तव्य भवन के उद्घाटन के कुछ घंटे बाद कर्तव्य पथ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह परियोजना अन्य बुनियादी ढांचे वाली सुविधाओं के साथ भारत के वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि दशकों तक सरकार का प्रशासनिक तंत्र ब्रिटिश काल की इमारतों से चलता रहा, जहां काम करने की परिस्थितियां खराब थीं और जगह, रोशनी और वेंटिलेशन की कमी थी.

आत्मनिर्भर भारत के लिए मिलकर करें काम

उन्होंने कहा कि हमें ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत की सफलता की कहानी लिखने के लिए मिलकर काम करना होगा. हमारा संकल्प होना चाहिए कि हम अपनी और देश की उत्पादकता बढ़ाएं. उन्होंने आगे कहा कि कर्तव्य भवन राष्ट्र के सपनों को साकार करने के संकल्प का प्रतीक है. यह एक विकसित भारत की नीतियों और दिशा का मार्गदर्शन करेगा. उन्होंने कहा कि यह आत्मनिरीक्षण का भी क्षण है क्योंकि भारत उस गति से विकास नहीं कर सका जिस गति से कई अन्य देश, जिन्हें उसी समय स्वतंत्रता मिली और जो आगे बढ़े, विकसित हुए. उन्होंने कहा कि यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम वर्तमान समस्याओं को आने वाली पीढ़ियों पर न छोड़ें. कर्तव्य भवन का उद्घाटन केवल एक नई इमारत का लोकार्पण नहीं, बल्कि भारत की प्रशासनिक संस्कृति में एक आधुनिक बदलाव की शुरुआत है. इससे न केवल मंत्रालयों की कार्यप्रणाली अधिक संगठित होगी, बल्कि नागरिकों तक सेवाएं पहुंचाने की गति और गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.

एक छत के नीचे रहेंगे ये कार्यालय

मोदी सरकार की यह पहल “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” की अवधारणा को मजबूत करती है. यह परियोजना देश की प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक संगठित, कुशल और आधुनिक बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल मानी जा रही है. कर्तव्य भवन-03 का उद्देश्य गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय को एक छत के नीचे लाना है. इससे पहले ये मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों से संचालित हो रहे थे, जिन्हें अब “संरचनात्मक रूप से पुराने और अक्षम” बताया गया है.

600 वाहनों की पार्किंग क्षमता

राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार, जवाहरलाल नेहरू भवन, डॉ. अंबेडकर ऑडिटोरियम और वाणिज्य भवन जैसे अपेक्षाकृत नए भवनों को संरक्षित रखा जाएगा. कर्तव्य भवन की प्रमुख सुविधाएं की बात करें तो भवन-03 का प्लिंथ क्षेत्रफल 1.5 लाख वर्ग मीटर है और बेसमेंट क्षेत्र 40,000 वर्ग मीटर में फैला है. पार्किंग में 600 वाहनों की क्षमता है. भवन में क्रेच, योग कक्ष, चिकित्सा कक्ष, कैफे, रसोईघर और बहुउद्देश्यीय हॉल जैसी सुविधाएं हैं. यहां 24 बड़े कॉन्फ्रेंस रूम (प्रत्येक में 45 सीटें), 26 छोटे कॉन्फ्रेंस रूम (प्रत्येक में 25 सीटें), 67 मीटिंग रूम और 27 लिफ्ट उपलब्ध हैं.

ये भी पढ़ेंः प्रधानमंत्री ने किया कर्तव्य भवन का उद्घाटन, एकीकृत शासन की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा कदम

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