2001 Parliament Attack: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 2001 में संसद भवन पर हुए हमले में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की.
2001 Parliament Attack: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 2001 में संसद भवन पर हुए हमले में आतंकवादियों से लड़ते शहीद हुए लोगों को पुष्पांजलि अर्पित की. उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सांसदों के साथ मिलकर 2001 में संसद भवन पर हुए हमले में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की. हमले की 24वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा अध्यक्ष राधाकृष्णन श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले पहले लोगों में शामिल थे. हर साल 13 दिसंबर को संसद भवन (संविधान सदन) के बाहर एक संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इस दिन को याद करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश उनके और उनके परिवारों का ऋणी रहेगा.
सोनिया, राहुल और प्रियंका ने भी किया याद
मुर्मू ने X पर एक पोस्ट में कहा कि इस दिन हम आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. कहा कि किसी भी हालत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आतंकवाद कुचलने को सरकार हर संभव प्रयास करेगी. सीआईएसएफ कर्मियों ने कार्यक्रम स्थल पर सलामी दी, जिसके बाद बरसी के उपलक्ष्य में एक मिनट का मौन रखा गया. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, जितेंद्र सिंह और अर्जुन राम मेघवाल ने भी हमले को विफल करते हुए शहीद हुए कर्मियों की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की.

सर्वोच्च बलिदान के लिए कृतज्ञ रहेगा देश
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा देश उन लोगों को याद करता है जिन्होंने 2001 में हमारी संसद पर हुए जघन्य हमले में अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने श्रद्धांजलि समारोह की तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि गंभीर खतरे का सामना करते हुए उनका साहस, सतर्कता और कर्तव्यनिष्ठा सराहनीय थी. भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदा कृतज्ञ रहेगा. यह हमला पांच सशस्त्र आतंकवादियों द्वारा किया गया था, लेकिन तत्कालीन संसद सुरक्षा सेवा, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने हमले को विफल कर दिया और कोई भी आतंकवादी इमारत में प्रवेश नहीं कर सका. इस हमले में दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो जवान, एक माली और एक टीवी पत्रकार शहीद हो गए थे. सभी पांचों आतंकवादियों को तत्कालीन संसद भवन के प्रांगण में मार गिराया गया था.
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