Mumbai BMW hit-and-run: सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के मुंबई BMW हिट-एंड-रन मामले में शिवसेना के पूर्व नेता के बेटे मिहिर शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.
Mumbai BMW hit-and-run: सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के मुंबई BMW हिट-एंड-रन मामले में शिवसेना के पूर्व नेता के बेटे मिहिर शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इन लड़कों को सबक सिखाने की जरूरत है. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और एजी मसीह की पीठ ने इस बात को ध्यान में रखा कि आरोपी एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता है और उसके पिता उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट से जुड़े हुए हैं. पीठ ने शुक्रवार को जमानत याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की कि वह अपनी मर्सिडीज को शेड में खड़ा करता है, अपनी BMW निकालता है, उसे टक्कर मारता है और फरार हो जाता है. उसे कुछ समय के लिए जेल में रहने दो. इन लड़कों को सबक सिखाने की जरूरत है. मिहिर शाह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा कि मामले में प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत मांगने की अनुमति दी.
टक्कर के बाद कार के पहियों में फंसी रही महिला
हालांकि, अदालत के माहौल को भांपते हुए उसने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. मिहिर शाह (24) को पिछले साल 9 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. मिहिर शाह ने एक साल पहले मुंबई के वर्ली इलाके में अपनी बीएमडब्ल्यू कार से एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी. टक्कर से कावेरी नखवा (45) की मौत हो गई और उनके पति प्रदीप नखवा गंभीर घायल हो गए. दुर्घटना के बाद आरोपी बांद्रा-वर्ली सी लिंक की ओर तेजी से भाग गया, जबकि महिला कार के बोनट पर ही रही और फिर डेढ़ किलोमीटर से अधिक दूरी तक कार के पहियों में फंसी रही. शाह के ड्राइवर राजऋषि बिदावत को भी दुर्घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. दोनों न्यायिक हिरासत में हैं. शाह ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 21 नवंबर के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.
अत्यधिक नशे में था आरोपी
हाई कोर्ट ने कहा था कि शाह अत्यधिक नशे में थे और स्कूटर को टक्कर मारने और पीड़िता को अपनी गाड़ी के नीचे घसीटने के बाद भी उन्होंने कार नहीं रोकी. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अपराध के समय और उसके बाद आरोपी का आचरण अदालत को जमानत देने के लिए आश्वस्त नहीं करता है. कोर्ट ने कहा था कि शाह ने गलती से स्कूटर को टक्कर मार दी थी, लेकिन तेज गति से भाग गए, जिससे पीड़िता कार के नीचे घिसट गई. हाई कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपी के आगे के कार्यों से स्पष्ट रूप से परिणाम भुगतने से बचने और गिरफ्तारी से बचने का इरादा झलकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि ड्राइवर के साथ सीट बदलना, अपने पिता को फोन करना और घटनास्थल से भाग जाना सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को डराने की प्रवृत्ति को दर्शाता है.
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