PM Narendra Modi News : भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत नेता वीके मल्होत्रा के जीवन संघर्ष को पीएम मोदी ने याद किया. उन्होंने कहा कि वह एक संगठनकर्ता थे और उन्होंने कार्यकर्ताओं से कभी संपर्क नहीं तोड़ा था.
PM Narendra Modi News : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता वीके मल्होत्रा (VK Malhotra) को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को उन्हें उत्कृष्ट संगठनकर्ता और संस्था निर्माता बताया. उन्होंने कहा कि चुनावी समीकरण और संगठनात्मक राजनीति की दुनिया में समान रूप से सफलता हासिल की. पीएम मोदी ने अपनी वेबसाइट के एक ब्लॉग में लिखा कि मल्होत्रा जिनका पिछले सप्ताह निधन हो गया. उन्होंने जनसंघ और BJP की दिल्ली इकाई को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि वीके मल्होत्रा सार्वजनिक जीवन में एक स्थायी व्यक्तित्व के रूप में बने रहे और बहुत कम नेता इतने लंबे और अटूट जन जुड़ाव का दावा कर सकते हैं.
दिल्ली इकाई को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मल्होत्रा चुनावी और संगठनात्मक राजनीति में समान रूप से काम करने की अद्भुत क्षमता थी. यही वजह है कि उन्होंने जनसंघ और BJP की दिल्ली इकाई को एक स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. मोदी ने कहा कि उनके जीवन पर एक नजर डालने से सभी को आरएसएस, जनसंघ और BJP के मूल सिद्धांतों पर गहरी प्रतिबद्धता के साथ काम किया. प्रधानमंत्री ने साल 1999 के लोकसभा चुनाव को याद किया जब मल्होत्रा ने दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चुनाव हराया था. मोदी ने कहा कि यह एक हाई प्रोफाइल चुनाव था, जहां उनका मुकाबला एक महत्वपूर्ण कांग्रेस नेता से था. कांग्रेस की पूरी ताकत उनके क्षेत्र में उतर गई थी, लेकिन इसके बाद भी मल्होत्रा ने खुद को चुनावी राजनीति में कमजोर महसूस नहीं किया. इसके बाद जब चुनाव के नतीजे सामने आए तो उन्होंने मनमोहन सिंह जी को चुनाव हरा दिया था.
आपातकाल में सरकार के खिलाफ उठाई आवाज
पीएम मोदी ने कहा कि मल्होत्रा कार्यकर्ताओं के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और मतदाताओं की आकांक्षाओं को समझने में कुशल थे. इसके अलावा मोदी ने साल 1960 के दशक में गोरक्षा आंदोलन में उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि मल्होत्रा मूकदर्शक नहीं, बल्कि जनता की आवाज को मुखर होकर उठाते थे. इस दौरान उनको कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ा था, जिसमें मुख्य रूप से पुलिस की ज्यादतियां थीं. इसके अलावा उन्होंने आपातकाल के खिलाफ भी जनता की आवाज उठाने का काम किया और उस समय के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. जब दिल्ली की सड़कों पर सिखों का बेरहमी से कत्लेआम हो रहा था, तब वह शांति और सौहार्द की आवाज थे और सिख समुदाय के साथ मजबूती से खड़े थे.
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