Home राज्यBihar Bihar : SIR को लेकर बिहार में बवाल! जानें क्या होती है इसकी प्रक्रिया और इसका असर?

Bihar : SIR को लेकर बिहार में बवाल! जानें क्या होती है इसकी प्रक्रिया और इसका असर?

by Live Times
0 comment

Special Intensive Revision: बिहार में चुनाव से पहले एक शब्द बहुत ज्यादा चर्चा में आ गया है और वह SIR है. इसे लेकर वहां के सियासत में हलचल तेज हो गई है और विपक्ष लगातार इसे लेकर विरोध कर रहा है.

Special Intensive Revision: बिहार में ये साल चुनावी साल है. राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. लेकिन इसके पहले वहां का माहौल गरमाया हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग की ओर से स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR काफी चर्चा में आ गया है. क्योंकि चुनाव से पहले आयोग ने मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन शुरू करवाया गया है जिसे लेकर विपक्षी दल इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. ऐसे में SIR का क्या मतलब होता और इसमें किस तरह से काम किया जाता है इसके बार में बताएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

बता दें कि इसपर विपक्ष की ओर से जमकर विरोध किया जा रहा है. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इसके बाद से कोर्ट ने कहा कि उसे चुनाव आयोग के किसी ऐसे कदम से कोई परेशानी नहीं है लेकिन उसके टाइमिंग को लेकर है. सुप्रीम कोर्ट की मानें तो मतदाता सूची का स्पेशल इंटेसिव रिवीजन कराने के चुनाव आयोग के कदम में तर्क तो है, लेकिन विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले ऐसा करवाना उनके ऊपर सवाल खड़े करने वाला है. इस बीच जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा है कि आपकी प्रक्रिया में समस्या नहीं है, लेकिन समस्या समय की है. क्योंकि जिन लोगों को लिस्ट से हटाया जा सकता है उनके पास अपील करने के लिए समय नहीं होता है.

क्या होता है SIR ?

स्पेशल इंटेसिव रिवीजन, चुनाव आयोग के तहत मतदाता सूची को अपडेट कराने का तरीका है. ऐसे समझ लेते हैं कि अगर किसी व्यक्ति का निधन हो गया है या फिर किसी का क्षेत्र बदल गया या कोई और कारण हो तो ऐसे में शख्स का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है. लेकिन अगर कोई 18 साल से के हो गए हैं तो उसका नाम वोटर लिस्ट से जोड़ दिया जाता है.

ध्यान रखने वाली बात

वहीं, इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि जिस तरह चुनाव आयोग स्पेशल इंटेसिव रिवीजन करवा रही है. ऐसे में अगर वोटर लिस्ट में पहले से ही किसी व्यक्ति का नाम शामिल है लेकिन उसके पास कोई दस्तावेज नहीं दिखना होता है. लेकिन, अगर किसी व्यक्ति का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है तो वो चुनाव आयोग की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक दस्तावेज दिखाकर अपना नाम जुड़वा सकता हैं.

यह भी पढ़ें: Bihar : प्रशांत किशोर की पार्टी को मिला चुनाव चिन्ह, क्या स्कूल बैग बिहार में कर पाएगी कमाल?

नाम एड कराने का तरीका?

लिस्ट में अपना नाम एड कराने के लिए सबसे पहले चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट Voters.eci.gov.in पर जाए और यहां पर ‘Download Partially Filled Ford’ पर क्लिक करने के बाद से फिर EPIC नंबर, मोबाइल नंबर और कैप्चा भरने के बाद से मोबाइल नंबर पर आए OTP के फिल करें जिसके बाद आपका फॉर्म डाउनलोड हो जाएगा. फॉर्म के डाउनलोड होने के बाद से इसमें आपको अपनी जानकारी जैसे नाम, आधार नंबर, पिता का नाम, माता का नाम, पत्नी या पति का नाम, मोबाइल नंबर भरना है. इसके बाद आपको इसमें वो 11 प्रकार के डॉक्यूमेंट में से किसी एक दस्तावेज को लगाना है जो आपके पास मौजूद है. इस दस्तावेज पर खुद के हस्ताक्षर करें और फिर फॉर्म के साथ अपलोड कर दें. इसके बाद से BLO वोटर के पत्ते पर जाकर जानकारी का वेरिफिकेशन होगा और सबकुछ सही होने पर आपका नाम मतदाता सूची में बना रहेगा, लेकिन वेरिफिकेशन न होने पर आपका नाम हटा दिया जाएगा.

लिस्ट रिवीजन में चुनाव आयोग इन चीजों पर देता है ध्यान

यहां पर आपको बता दें कि चुनाव आयोग का काम न केवल वोटिंग करवाना है बल्कि मतदाता लिस्ट को अपटेड करना भी है. अगर किसी का निधन हो गया या किसी ने क्षेत्र बदल दिया है, तो लिस्ट से उसका नाम हटा दिया जाता है. अगर कोई शख्स 18 साल का है तो उसका नाम वोटिंग लिस्ट में एड कर दिया जाता है. चुनाव आयोग हर चुनाव से पहले अपने लिस्ट को अपडेट करता है. लेकिन इस बार बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का फैसला लिया गया है जो 22 साल पहले साल 2003 में कराया गया था.

यह भी पढ़ें: Bihar Band: बिहार में महागठबंधन ने किया ‘चक्का जाम’, कई जगह ट्रेनें प्रभावित; सड़कों पर प्रदर्शन

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?