Tipra Motha Party : यूथ टिपरा फेडरेशन (YTF) के अध्यक्ष सूरज देबबर्मा ने कहा कि हम बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों को याद दिलाना चाहते हैं कि यह वही भारत है जिसने बांग्लादेश को पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजाद कराया था.
Tipra Motha Party : बांग्लादेश में अराजकता अपने चरम पर है और कट्टरपंथी संगठनों ने भारतीय दूतावास को भी निशाना बनाने की कोशिश की. वहीं, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बांग्लादेश के राजशाही और खुलना शहर में भारतीय वीजा सेंटर को बंद कर दिया है. इसी बीच भारत के त्रिपुरा में टिपरा मोथा पार्टी की यूथ विंग (YTF) ने बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के पास ‘भारत विरोधी अभियान’ और पड़ोसी देश के एक नेता द्वारा नॉर्थ-ईस्ट के बारे में की गई टिप्पणियों के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, हंगामे के बीच बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
मिनी पाकिस्तान के खिलाफ असली लड़ाई
यूथ टिपरा फेडरेशन (YTF) के अध्यक्ष सूरज देबबर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हम बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों को याद दिलाना चाहते हैं कि यह वही भारत है जिसने बांग्लादेश को पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजाद कराया था. साथ ही पूर्वी पाकिस्तान को एक संप्रभु देश बनाने में सिर्फ 13 दिन लगे थे. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, सूरज देबबर्मा ने अपने एक्स हैंडल की एक पोस्ट में लिखा कि नॉर्थ-ईस्ट के खिलाफ बयान दिए जाने के बाद बांग्लादेश (असिस्टेंट) हाई कमीशन के बाहर सार्वजनिक रूप से विरोध करने वाली नॉर्थ-ईस्ट की एकमात्र राजनीतिक पार्टी टिपरा मोथा और YTF है. उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों हमारी असली लड़ाई नए मिनी पाकिस्तान के खिलाफ है, न कि एक दूसरे खिलाफ.
पिछले साल की यादा हो गईं
जुलाई विद्रोह के जाने-माने नेता शरीफ उस्मान हादी पर हुए हमले के विरोध में एक रैली के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी. इसके बाद नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता हसनात अब्दुल्ला ने नॉर्थ-ईस्ट की 7 बहनों को भारत से अलग करने और इलाके के अलगाववादी नेताओं को पनाह देने की धमकी दी थी. दूसरी तरफ पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस सुपरिटेंडेंट (SP) नमित पाठक ने कहा कि बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन को कड़ी सुरक्षा देने के लिए त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (TSR) और CRPF के जवानों की तैनाती की गई है. उन्होंने आगे कहा कि हालात से निपटने के लिए पूरे सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. साथ ही इस प्रदर्शन से पिछले साल की यादा ताजा हो गई है जब भारी संख्या में लोग असिस्टेंट हाई कमीशन के पास जमा हो गए थे और कुछ लोगों ने अंदर भी घुसने की कोशिश की थी. साथ ही सुरक्षा में चूक होने की वजह से राज्य सरकार को केंद्र से माफी भी मांगनी पड़ी थी.
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