Dalai Lama Birthday: मैक्लोडगंज में आयोजित समारोह में दलाई लामा के अनुयायियों, तिब्बती समुदाय के लोगों और विश्व भर से आए समर्थकों ने हिस्सा लिया. समारोह में दीर्घायु प्रार्थनाएं की गईं.
Dalai Lama Birthday: तिब्बती आध्यात्मिक नेता और वैश्विक शांति के प्रतीक दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन के अवसर पर मैक्लोडगंज में आयोजित एक दीर्घायु प्रार्थना समारोह में अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अगले 30 से 40 वर्षों तक जीवित रहकर मानवता की सेवा करना चाहते हैं. इस दौरान उन्होंने अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति को लेकर चल रही अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “मुझे अवलोकितेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त है, और मैं अभी कई वर्षों तक लोगों की भलाई के लिए कार्य करता रहूंगा.”
दलाई लामा ने क्या कहा?
दलाई लामा ने अपने संबोधन में मानवता, शांति और करुणा के मूल्यों पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “जब तक जीव हैं, जब तक दुख है, मैं भी रहूं, उन्हें कम करने के लिए.” यह बयान उनके जीवन के उद्देश्य को दर्शाता है, जो विश्व भर में उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है.
PM मोदी ने दलाई लामा को दी बधाई
इस खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा, “मैं 1.4 अरब भारतीयों की ओर से परम पावन दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देता हूं. वे प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के चिरस्थायी प्रतीक रहे हैं. उनके संदेश ने सभी धर्मों के लोगों में सम्मान और प्रशंसा को प्रेरित किया है. हम उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करते हैं.”
मैक्लोडगंज में आयोजित समारोह में दलाई लामा के अनुयायियों, तिब्बती समुदाय के लोगों और विश्व भर से आए समर्थकों ने हिस्सा लिया. समारोह में दीर्घायु प्रार्थनाएं की गईं और दलाई लामा के संदेश को साझा किया गया. उनके अनुयायियों ने उनके विचारों को अपनाने और शांति व करुणा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. दलाई लामा ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और मानवता के प्रति सेवा भाव पर भी जोर दिया.
कहां हुआ था दलाई लामा का जन्म?
दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के ताक्सर गांव में हुआ था. 1959 में तिब्बत में चीनी दमन के बाद वे भारत आ गए और तब से धर्मशाला को अपना निवास स्थान बनाया. उनके नेतृत्व में तिब्बती समुदाय ने अपनी संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को जीवित रखा है. दलाई लामा को 1989 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उनके अहिंसा और शांति के संदेश को विश्व स्तर पर मान्यता देता है.
उनके 90वें जन्मदिन पर विश्व भर से लोगों ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों के माध्यम से उन्हें शुभकामनाएं दीं. उनके संदेश और शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं. दलाई लामा का यह बयान कि वे अभी कई वर्षों तक जीवित रहेंगे, उनके अनुयायियों के लिए एक आश्वासन है कि वे लंबे समय तक उनके मार्गदर्शन में रहेंगे.
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