आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने कहा कि अमित शाह को अब नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं रहा है.
Tejashwi Yadav Slams Nitish Kumar: राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को विधानसभा में दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भरोसा नहीं रहा. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मॉनसून सत्र के अंतिम दिन विपक्ष द्वारा पेश किए गए कटौती प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए यह टिप्पणी की. इस बहस के बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जिसके कारण दोपहर के भोजन के बाद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर घेरा
तेजस्वी यादव ने कहा, “अमित शाह का नीतीश कुमार पर से भरोसा उठने का क्या कारण है? वह कहते रहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव जदयू अध्यक्ष के नेतृत्व में लड़े जाएंगे, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, यह तो समय ही बताएगा. अगर शाह को अब भी नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा है, तो उन्हें सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए घोषणा करनी चाहिए कि मुख्यमंत्री 2030 तक सत्ता की कुर्सी पर बने रहेंगे. गृह मंत्री अपने आगामी सीतामढ़ी दौरे के दौरान इसकी घोषणा करें.” भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले अमित शाह अगस्त में सीतामढ़ी में देवी सीता को समर्पित एक मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आने वाले हैं.
‘एनडीए दोबारा सत्ता में नहीं आने वाला’
तेजस्वी यादव ने कहा, “एनडीए बिहार में दोबारा सत्ता में नहीं आने वाला. ये सरकार 20 साल पुरानी है और एक जर्जर कार की तरह हो गई है.” तेजस्वी ने चुटकी लेते हुए कहा, “अब तो केंद्र सरकार ने भी आदेश दे दिया है कि 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन सड़कों से हटा दिए जाएं.” नीतीश कुमार पर अपना हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री “अपने होश में नहीं हैं”, “सभी मुद्दों पर चुप” रहते हैं और एक महत्वपूर्ण सहयोगी होने के बावजूद केंद्र पर विशेष पैकेज के लिए दबाव नहीं डाल सकते. उन्होंने आरोप लगाया, “लगता है कि जेडीयू ने खुद को भाजपा के एक सेल तक सीमित कर लिया है. कुछ मुट्ठी भर लोग, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे मुख्यमंत्री की आंखें और कान हैं, सभी भाजपा के लिए काम कर रहे हैं. जेडीयू के लोग आरएसएस कोटे की बात करने लगे हैं.” अशोक चौधरी ने हाल ही में दावा किया था कि उनके दामाद को आरएसएस की सिफ़ारिश पर राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का सदस्य बनाया गया है. बोर्डों और आयोगों में नियुक्तियों में व्यापक भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए, राजद नेता ने कहा कि बिहार में एनडीए को “राष्ट्रीय दामाद आयोग” कहा जाना चाहिए.
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